Megha   (सुनहरी कलम)
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Joined 16 June 2019


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Joined 16 June 2019
13 JUN AT 7:14

मिल जाती दो दिन की बादशाहत अगर मुझे...
तेरी तस्वीर के सिक्के चलते फिर मेरी रियासत में...

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10 JUN AT 21:33

मैं इश्क लिखू तुम्हारा नाम आये...
मैं लिखू ख्वाब तो तुम्हारी आँखें दिख जाए...
और जो मैं लिखू सुकून तो बस तुम्हारी बाहें मिल जाए..

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8 JUN AT 21:43

तेरे से वफ़ा कुछ ऐसी करुंगी...
तेरी सूरत से पहले तेरे कदमो पर सजदा करुंगी...

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7 JUN AT 13:07

तजुर्बा देखना हैं तो मेरी आँखों में देखिये जनाब...
हरकत से मैं आज भी बच्ची ही हू..

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7 JUN AT 11:59

लोग पुछते हैं ऐसा भी क्या इश्क है जो इतना इत्राते हो....
जो करू ज़िक्र तेरा हवाओ से तो पुछते हैं है इत्र कौन सा लगाते हो...

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25 SEP 2024 AT 22:39

जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जायगी....
उस दिन हर दर्पण की हार हो जायगी....

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26 MAY 2024 AT 11:15

सती की तरह त्याग करना पड़ता है..
यूं ही नहीं पसंदीदा मर्द को प्रेम मे छोड़ा जाता..

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19 MAY 2024 AT 14:22

ऐ खुदा..
मेरे किरादार का मोल बस इतना बढ़ा दे..
उद्दास चेहरे देख कर उनकी खुशियाँ ख़रीद सकु..

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14 MAY 2024 AT 9:41

मैं शून्य ही सही मेरी जिंदगी में पर मेरी कोशिश रहेगी..
तुम्हारे साथ खडी होकर तुम्हारी कीमत बढ़ा सकु..

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12 MAY 2024 AT 13:55

Aye khuda mujhe aise sifat de...
Ke kisi bhooke ko dekhun to aasmaan ban jau...
Kisi pyaase ko dekhoon to dariyaan ban jau...

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