नैनों की करी कोठरी पुतली पलंग बिछाए
पलकों की चिक डारिके पीव को लिया रिझाए
भक्त ऐसा होता है,जो भगवान के भाव
के अंदर लवलीन हो जाता है,
स्तब्ध हो जाता है।
अपने नैनो को कोठरी मतलब कमरा बना दो
और हमारी आँखों की जो पुतली है,
उसका पलंग बना दो और उसको
बिछाकर अपनी पलकों का पर्दा गिरा दो।
और आँखें बंद करके उस पिया(सद्गुरु परमात्मा)
की छवि है,उसको निहारना शुरू करो
और अगर परमात्मा फिर भी नहीं आता
तो उसको रिझाना शुरू करो।
।।सत्यनाम।।
Youhaan Spirituality-
27 SEP 2017 AT 22:09