Meenashree Badgawe   (Meenashree badgawe)
216 Followers · 13 Following

लेखक नहीं हूँ न ही कवि ,बस भावनाओं को
शब्द दे देती हूँ।
Joined 25 May 2018


लेखक नहीं हूँ न ही कवि ,बस भावनाओं को
शब्द दे देती हूँ।
Joined 25 May 2018
1 JAN 2023 AT 13:17



आया फिर नववर्ष है,जले आस नव दीप।
पहुँचे अपने लक्ष्य के, तुम हो और समीप।
तुम हो और समीप,भटक पथ से मत जाना।
हो तुम भी कुछ योग्य,जगत को ये बतलाना।
जीवन में हो हार,कहो किसको है भाया।
लेकर नव उल्लास, वर्ष नव फिर है आया।



-


4 DEC 2022 AT 23:25

मुमकिन तो नहीं था तुझे भूल पाना
तेरे बिना यारा जिंदगी बिताना।
शमा हो तुम मेरी जिंदगी की
तुझसे है रौशन ये जिंदगी जाना।

-


4 DEC 2022 AT 23:18




सितम तेरे सहेंगे हम
न फिर भी दोष देंगे हम।

शमा बन जिंदगी तेरी
सदा रौशन करेंगे हम।

भरी हो राह काँटों से
सदा गुल बन बिछेंगे हम।

तुझे यदि कुछ कहे दुनिया
तेरी खातिर लड़ेंगे हम।

हमेशा जिंदगी तेरी
गुलों से ही भरेंगे हम।

मीना श्री।

-


15 NOV 2022 AT 21:45

इधर उधर हर तरफ तबाही का‌ मंजर है।
मानव मानव के पीठ घोंपता खंजर है।
इस भरी दुनिया में आखिर जाएं तो कहाँ-
हुआ आदमी का दिल ही तो अब बंजर है।

-


9 NOV 2022 AT 13:17

अपनी धुन में चलता जाता
हाथ किसी के कभी न आता
चाल समय की जो है समझे
वह ही तो कहलाता जेता।

बांध समय क्या कोई पाया
हाथों से ये फिसले भाया
पल-पल का भी मोल बहुत है
अच्छे अच्छों को भरमाया।

मान समय का जो हैं करते
जीवन में वे आगे बढ़ते
खो जाए अगर न फिर मिलता
जीवन भर फिर आहें भरते।

मीना श्री।


-


22 OCT 2022 AT 19:24



धनतेरस शुभ पर्व,दिवस पावन है आया।
सजे हुए बाजार, रौशनी से आज नहाया।
घर लाएं उपहार, वस्त्र आभूषण बर्तन।
भरा रहे धन धान्य,यही तो चाहे जन-जन।

-


5 OCT 2022 AT 13:48

त्रेतायुग राम ने था, रावण संहार किया,
कलियुगी रावण को,कौन मार पाएगा।

गली-गली भरे पड़े,नये-नये रूप लिए,
रावण भी आज धोखा, उनसे खा जाएगा।

खुद को जो राम कहे, रावण की रक्षा करे।
आज का ये दौर हमें ,और क्या दिखाएगा।

धर्म कर्म भूल रहे,मर्म न समझे कोई।
राम राज्य फिर यहाँ, है कौन लौटाएगा।

-


29 SEP 2022 AT 20:02



दुष्टों का संहार करने
जीवन में उल्लास भरने
आई है मां दुर्गा नवरूपों में
सृष्टि का कल्याण करने।
कल्याणकारी, शुभकारी,
शांति प्रदायिनी,शक्तिप्रदायिनी माता
कामनाऐं पूरी करती हैं
विपत्ति में धैर्य और संयम
रखने का आशिष भक्तों को देती हैं।
सुखदात्री, कष्टहरणी,
रक्षाकरणी,,पालनकरणी माता
कष्टों से पार लगाती है
बल, बुद्धि विद्या का वर दे
भक्तों के भाग्य को संवारती है।
नवदुर्गा के नवरूपों में छिपा
सारी‌ सृष्टि का सार
जगत जननी, ममतामयी माता
की महिमा अपरम्पार।

मीना श्री।



-


26 SEP 2022 AT 19:22

ब्रह्मचारिणी रूप है, ज्योतिर्मय अरू भव्य।
पाता आशिष मातु वो, समझे निज कर्तव्य।।

-


26 SEP 2022 AT 17:04

मैया वर आराधन देना
सारे दुःख शोक हर लेना,
तेरे चरणों ही सुख मिलता
उपवन खुशियों का है खिलता।

मैया तू है शेरावाली
संसार को तारने वाली,
तेरे शरणों जो भी आता
सर्व सिद्धि का वर पाता।

तू ही भाग्य बनानेवाली
विपदा से पार लगानेवाली,
तू ही कर्म कराती मैया
जीवन नैया की खेवैया।

असुरों में भय भरनेवाली
तू जगदंबे तू ही काली,
नमन तुझे है माता रानी
नमन तुझे हे! महारानी।

मीना श्री।

-


Fetching Meenashree Badgawe Quotes