किसी की परवरिश करनें में
समय लगता है वह चाहे मकान हो,
आचार विचार हो चरित्र हो या फिर
संतान क्योंकि ध्यान रहे पल में केवल
प्रलय/ अन्त ही हो सकता है आरम्भ नहीं,,,,
एक सुयोग्य विकाश .........!.
हमेशा ही .........समय मांगता है.......
मां केवल एक दिन ही परवरिश नहीं करती
वह हर लम्हा, हर दिन, हर महीने, हर साल
अपनी संतान का रखती है दिल से खयाल
दुनिया में लाने से भी पहले वह तुम्हे जानती है
पल पल अपनी रक्त बूंद से तुम्हे
सहेजती संवारती है........❣️
ये मां है हर लम्हा तुम्हें थामती है 💕😘😍
🌟Meenakshi Sharma 🌟
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