कुछ ख्वाबों के बस पंख ही सुनहरे होते हैं
फ़कत उनके तो उड़ने, पर भी पहरे होते हैं.....
शिद्दत से जो सींची, बगिया मोहब्बत की
कयामत तक मोहब्बत में,अग्नि के ही घेरे हैं.....
हर ज़ख्म को सोचे,की शायद ये अंतिम हो
जले दिल पर यहाँ देखो, खरोंचों के जखीरे हैं.....
Meenakshi Sharma 💫-
तेरे बिन हम
कुछ नहीं सनम
जैसे
मैं एक आत्मा
मेरा साथी परमात्मा
Meenakshi Sharma 💫-
हे नारी
तू कब से बर्बरता,
क्रूरता से भरा तालाब,
मैली - कुचैली मानसिकता को
ओढ़कर बन गई "काला दर्पण"
जिसमें खुद की ही परछाईं न
दिखाई पड़े ......?
काश तू.............................शेष नीचे पढ़ें 👇
Meenakshi Sharma 💫-
तन्हा मन की खामोशी काश.!.सुनता कोई
नन्हें तंतुओं के जालों से बिस्तर बुनता कोई...
एक ओर भरा दरिया, एक ओर बंजर जमीं
दिल ए दहलीज पर भी, सिल्ला चुनता कोई...
जले दिल की हालत है, धुंधली धुंआ सी
गली कूंचे देख सुनने की खातिर ठहरता कोई...
Meenakshi Sharma💫
(सिल्ला - गेहूं की कटाई के बाद के अनाज की बालियां)-
लिखती हूँ खुद का.....
खुद ही पढ़ती हूँ मुस्कुराती हूँ
शाम-ए सहर कुछ यूँ.....
दिनों को पन्नो सा सरकाती हूँ
Meenakshi Sharma ⭐
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कैसे कटीं बेचैनियाँ,तन्हाइयाँ, राणाइयाँ लिख दें
संगे वादा करें जन्मों का, नाम हर साँस दिल लिख दें
Meenakshi Sharma ⭐
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अहा.!.रब की इबादत में सुकूं भरा है
हाँ.!..मानो ना मानों ये सोना खरा है
हर दिल को मिलती पक्की तसल्ली
टपक बूंद अश्क, रहम रब अमृत बना है
ना वादे, ना शिकवे, ना कैसी भी शर्तें
रब को बंदों से अपने ना कोई गिला है
जिसका सच्चा सा मोती हो मन में बसेरा
छत्रछाया में हर पल वो रब की खड़ा है
जो कांटों में फूलों की डलिया बिछाए
सुनो! ये जादूगर बिरलो को ही मिला है
Meenakshi Sharma ✍️-
इस चाय की मिठास भी कुछ खास है
जिसमें इश्कियां लम्हों के भरे एहसास हैं
Meenakshi Sharma ✍️-
ये स्याही भी कितनी
अजीब है ना
कहीं कितना कुछ लिख जाती है
तो
कहीं कितनी मेहनत से
लिखे हुए को भी दाग दाग
कर जाती है...........
Meenakshi Sharma ✍️-