27 SEP 2019 AT 5:22

यकीं करो
दुनिया की मोहब्बतें झूठी हैं वो साथ तुम्हारा क्या देंगी ?
ये ख्वाहिशें जुस्तजू सी हैं, आज़माइशें आईं तो बेदम होंगी
बेहिस हैं ये लोग जहाँ के, मासूम जज़्बों का तमाशा बना डालें
इबादत सी पाक भी है चाहत अगर तो इसका भी अफसाना बना डालें
बे-यक़ीनी, बे-एतबारी तार-तार रिश्तों को कर दें
क्या सजदा करेंगे यार का वो जो उसे ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दें ?

मेरी मानो तो
यकीं करो
बस एक उसकी इबादत सच्ची है, वो साथ कभी न छोड़ेगी
जब-जब भी ठोकर लगी तुम्हें वो हाथ थाम बचा लेगी
एक सच्चा यार वो रब ही है, आशिकी करो तो उससे करो
वो रूह से तार्रुफ़ करा देगा गर रूहानी रंग में उसके रंगो
चल फिर यार मनाने चल दें वो यार जो सौदा खरा सा है
इस चंद रोज़ की दुनिया में बस इक रिश्ता उससे ही सच्चा है ।



- Wings Of Poetry