ज़िंदगी तू मुसलसल सताने लगी है
तकदीरों से बहुत कुछ मिटाने लगी है
कोई शायरी के लफ्ज़ भर बचा है
वरना यादें तो उसको भुलाने लगीं हैं
रकीबों से कह दो न इल्ज़ाम लेना
दिल को रहबरों की ही बातें जलाने लगीं हैं
बहारों की दिल को तमन्ना नहीं अब
खिज़ाएँ ही इसे रास आने लगी हैं
मुसाफ़िर सी ज़िंदगी में उम्र कट चली है
मौत अज़ीम शय नज़र आने लगी है
ज़िंदगी तू मुसलसल सताने लगी है
तकदीरों से बहुत कुछ मिटाने लगी है-
हर शख़्स अधूरा सा है, अधूरे ख़्वाब की तरह
सफ़र ये मुकम्मल हो भी तो कैसे आखिर
इन नींदों का भी तो अधूरा ही है कारवां
न चाँद पूरा है गगन में, न रात की मुकम्मल दास्ताँ
चल बंद पलकों के अंधेरों में खो जाएँ
शायद ढूंढते हुए कोई आ ही पहुँचे वहाँ-
मैं तो दरिया था तुझ में ही मिल जाना था मुझे,
मगर काश कि तू भी सागर बन पाता!
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दिल से होकर गुज़र गया
इक ख़्वाब पल भर में बिखर गया
हिज्र की लंबी रात के बाद
वस्ल लम्हे सा फिसल गया-
ACROSTIC
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Impressions On Heart
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I mprints left on
M ind, soul and heart
P ermanently stay
R eflecting and
E stablishing
S oul relations
S killfully
I njecting memories
O ccupy the heart
N ever leaving ever…-
मैं गुज़र चुकी हूँ हसरतों से, नाउम्मीदी से और हर खौफ़ के खौफ़ से,
मैं जी चुकी हूँ मुश्किलें, नाकामियाँ, देख चुकी हूँ जीत को बदलते हार में,
लौट आई हैं कई-कई बार आवाज़ें मेरी टकराकर, बंद दिलों की चौखटों से,
हाँ आज शब्द नहीं हैं बस एक मौन है पास मेरे,
तुम मेरी गहन खामोशी जो सुन सको तो सुनो,
मुझे मेरे कल के सायों को साथ लेकर चलना होगा,
जो तुम्हें स्वीकार हो तो साथ मेरे तुम भी चलो,
तलाश नहीं किसी सहारे की,न मेहरबां की, न हमदम की फिर भी,
मेरे कदम से कदम मिला जो बढ़ सको तो बढ़ो,
न ढूँढना इन उम्र से भरी आँखों में मकसद कोई,
इनकी अंतहीन गहराइयों को समझ सको तो पढ़ो,
मोहब्बत को दम तोड़ते देखा है मैंने पल भर में यूँ ही,
तुम इश्क़ से भी ज़्यादा कुछ कर सको तो करो,
आराध्या बना पूजने वाले भी नहीं हैं कम यहाँ,
तुम साथी समझ सच्ची दोस्ती निभा सको तो रुको...-
अधूरे हैं; कुछ हम कुछ तुम
अधूरे हैं अरमां दिल के
अधूरी नींदों से ख़्वाब हैं गुम
अधूरा है मिलन का गीत यहाँ
अधूरे सुर हैं अधूरी तरन्नुम
जैसे चाँद अधूरा है
अधूरे हैं; कुछ हम कुछ तुम-
इंतज़ार आँखों में मुद्दतों से जल रहे हैं मेरी
इन्हें बुझा दो तो कोई नया ख़्वाब जले
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मुद्दतों से खामोश है दिल
मुद्दतों से दिमाग शोर करता है
मुद्दतों से रुके हैं कदम
मुद्दतों से ज़माना चलता है-
किस्मत ज़िंदगी को हज़ार मोड़ देती है
हर मोड़ पर कोई सवाल छोड़ देती है
ज़िंदगी भर ढूंढते हैं हम जवाब इसका
जब तक जवाब मिलता है
ज़िंदगी साथ छोड़ देती है
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