ये उड़ानें, ये मस्तियाँ, ये बहारें,
ये नई-नई सी रोशनी और सब सितारे,
तुम रख लो
खिली-खिली सी ये फिज़ा, ये गुलिस्तान,
महकते हुए से नज़ारे, ये शबनम के कतरे,
तुम रख लो...
सब खुशियाँ, सब कहकहे, ये सारे पैमाने,
मनमर्ज़ियाँ, खुदगर्ज़ियाँ, ये गुरूर, ये दस्तूर,
तुम रख लो...
हमें दे जाओ
वो यादें, वो मुलाकातें, वो लम्हे, वो बातें,
और सब हक इन्हें दिल में जिंदा रखने के,
हमें दे जाओ...
- Wings Of Poetry