10 SEP 2019 AT 2:13

तू अब जिस्म नहीं परछांई है,
मेरे आज का हिस्सा नहीं,
मेरे कल की तू सच्चाई है,
मेरे साथ तेरा कुछ नहीं,
बस यादें हैं और तन्हाई है,
तेरे बाद हर बात तेरी,
मेरी आँखों में आँसू लाई है।

दिल ना माने
क्यों तेरे जाने के बाद,
मेरी सांस रुक ना पाई है।
क्यों सीने में जलता है तू?
क्यों यादों में तपता है तू?
क्यों ख्वाब सा तू बिखर गया?
क्यों गया बता तू जिधर गया?
क्यों तन्हा मुझको कर गया?

दिल ना माने
काश आ जाए तू इसको मनाने,
या फिर ले जाए मुझे अपने जहां में,
और सब गम पिघल कर लगें मुस्कुराने।

- Wings Of Poetry