को श्वेत और साफ रख
काली बन कर अंदर छुपे
सब दुश्मनों का नाश कर
मुझे शक्ति दे मैं लड़ सकूँ
अपने ही अंधकार से
विजयी बनूँ मैं चल सकूँ
सत्य की दिखाई राह पे
दुर्गा मेरी आत्मा को तू
अपनी तरह बलवान कर
मुझे आशीष दे मैं तेरी
छाया बन कर चल सकूँ
जीवन की अंतिम सांस तक
विश्वास में अडिग रहूँ
तू सामने खड़ी हो मेरे
जब भी मैं अंतिम सांस लूँ।- Meenakshi Sethi #Wings of Poetry
29 SEP 2019 AT 14:00