जो पलकों के खुलने से पहले
आँखों में उतर आते हो
तुम कौन हो
जो पहली बारिश की बूंदों के संग
अहसास बन मन को भिगो जाते हो
तुम कौन हो
जो सुर्खियाँ बन कर हया की
मेरे गालों को रंग जाते हो
तुम कौन हो
जो मुश्किल में मेरा हाथ पकड़
मुझे बिखरने से बचाते हो
तुम कौन हो
जो हर पल मेरे साथ होकर भी
कभी सामने नहीं आते हो
तुम कौन हो
जो विश्वास है, कि मैं भीड़ में तन्हा नहीं
कोई अपना मेरे साथ है!
- Wings Of Poetry