बन गई, मैं पानी थी सो ढल गई,लेकिन तुम तो वक़्त की तरह निकले,आए और आकर बीत गए,मैं दरिया का भंवर बनी खड़ी हूँ, तुम किनारे पर जाकर जीत गए। - Wings Of Poetry
बन गई, मैं पानी थी सो ढल गई,लेकिन तुम तो वक़्त की तरह निकले,आए और आकर बीत गए,मैं दरिया का भंवर बनी खड़ी हूँ, तुम किनारे पर जाकर जीत गए।
- Wings Of Poetry