आओ शुरू करें
समेटना
वो सब
जो फैलाया है
भ्रम का रचा जाल है ये
धोखा देती एक माया है
सच आँखों की पकड़ में नहीं
जो नज़र आता है वह बस साया है।
आओ शुरू करें
सच को ढूँढना
बहुत चलना है, मन मेरे
अभी तो बस
पहला कदम बढ़ाया है।- Meenakshi Sethi #Wings of Poetry
2 SEP 2019 AT 21:20