"उन गलियों का ख्याल भी नहीं आता अब जहन में मेरे, जिनमें कभी साथ तेरे गुजरा करते थे हम... और ना ये बैचैनी ही है अब जानने की, कि तुझे मेरा इंतजार है की नहीं !!"
जिन्दगी संग तेरे मुस्कुराना सीख लिया हाल कैसा भी हो ये छुपाना सीख लिया मांगे कहाँ मिलती है ये खुशियाँ किसी से हमने तो खुद से दिल बहलाना सीख लिया जा ऐ दुनिया तेरी अब जरूरत ना रही हमें हमने रंजोगम अकेले उठाना सीख लिया थोड़ा वक्त लगा समझने में ये दुनियादारी तसल्ली हैं पर ये सबक अब सीख लिया हर हाल में हमने अब मुस्कुराना सीख लिया!!