माँ ओ माँ
सब कहते है कि तुम कही दूर चली गई
पर मेरा दिल जानता है कि तुम हो यही कही
मेरे खुशी में साथ मुस्कुराती हुई
मेरे ग़म में आशु छुपाते हुई
मेरे हर कामयाबी में पीठ थपथपाते हुए
मेरे हर कोशिश में हौसला बढ़ाते हुए
हो आंखों से ओझल पर हर कदम मेरे साथ
मेरे पहले सांस से अब तक थामे हुए मेरा हाथ-
Par kya ye nahi pata
Kuch to kehna chahti hu
Par kis se ye nahi pata
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मुझसे किसी ने पूछा
मेरे लिए क्या हो तुम
मैने कहा जहां महफूज़ मै रहूँ
वो घर वो मकान हो तुम
जहां तक देखूं और जो नजर आए
वो ज़मीन वो आसमान हो तुम
पूरी होने के बाद भी माँगु हर दुआ में
मेरी वो ख्वाहिश मेरा वो अरमान हो तुम
क्या बताऊ और क्या नहीं
मेरी पूरी दुनियां मेरा जहां हो तुम-
परी की कहानियों वाला राजकुमार ना सही
मेरे सपनों को पूरा करने वाला चिराग़ हो तुम
मन्नत में उठने वाला सवाल ना सही
मेरी हर अधूरी ख्वाहिश का जवाब हो तुम
सच कहा है किसी ने ऊपर वाला कर्मों का लेख रखता है
क्योंकि मेरे हर अच्छे कर्म का हिसाब
हो तुम-
Look, the new year has come
Bringing new hope with it
Not just the dreams of today
Hope to fulfill the unfulfilled dreams of yesterday
Not just the hope of staying connected to the ground
Hope to fly in the sky with wings
Not just trying for yourself
Hope to move forward taking your loved ones along
Bringing sweet and sour memories with it
Hope to touch new heights
Look, the new year has come again
Bringing new hope with it-
आया देखो नया साल
लेकर अपने साथ नई आशा
बस आज के देखे हुए नहीं
कल के अधूरे सपनों को पूरा करने की आशा
बस ज़मीन से जुड़े रहने का नहीं
आसमां में पंख खोल उड़ने की आशा
बस अपने लिए कोशिश नहीं
अपनो को संग लेकर आगे बढ़ने की आशा
लेकर साथ खट्टी मिट्ठी यादें
नए ऊंचाइयों को छूने की आशा
फिर आया देखो नया साल
लेकर अपने साथ नई आशा-
एक इंसान ऐसा भी
देखा आज मैं एक इंसान को
एक बहुत ही खुबसूरत पहचान को
क्या लगता है मैने क्या हसीन पाया
उसका व्यक्तित्व या उसकी बाहरी काया
मियां ये तो देखने वालो के आंखो में समाया है
पत्थर में भी तो भगवान को मुस्कुराता पाया है
खैर छोड़िए मुद्दे पर आते है
आपको भी उस इंसान से रूबरू करवाते है
जिसे देख कर भी आपने नजरअंदाज किया
फिर भी हर बार आइने ने तारीफ फरमाया है
इस नाचीज़ ने किसी और से नहीं
आज आपको आप से ही मिलवाया है-
आज मैं ज़रूर लिखूंगी
आज एक कहानी सुन रही थी
ज़रा ज़रा ही सही पर दिल को छू गई
ऐसा लगा जैसे मुझसे पूछा हो
अपनी साथी कविता को पीछे क्यूं छोड़ गई
बस तभी सोचा आज जरूर लिखूंगी
दिल की बात शब्दो में फिर पिरोऊंगी
अपनी अध परिपक्व लफ्जो के ज़रिए ही सही
अपने अस्तित्व से आज मैं ज़रूर मिलूंगी-
मेरी कहानी का
सबसे खूबसूरत किस्सा हो तुम
मैं मेरी जिंदगी ही नहीं
मेरे दिल का हिस्सा हो तुम
मेरे किरदार का
अटूट वजूद हो तुम
मेरे साथ हर जगह
ईश्वर की तरह मौजूद हो तुम
मां तुम्हारे बारे में
मैं क्या ही और कितना लिखूं
मुझमें मुझसे कही
ज्यादा हो तुम-
पढ़ेंंगी भी बेटियां
आगे बढ़ेंगी भी बेटियां
हर बंदिशो को तोड़ कर
सपनों की उड़ान भी भरेंगी बेटियां
एक हाथ में अपनी खुशियां
एक हाथ से संभाले दुनिया
सबको एक दम संतुलित कर
अपनी पहचान भी बनाएंगी बेटियां
नही है बेटियां अब एक अबला नारी
एक एक है सौ कुरीतियों पर भारी
अपने सपनो को मुकम्मल कर
हर सफ़लता के शिखर पर भी चढ़ेंगी बेटियां-
दिल मानने को त्यार नही,
की तेरा हसता हुआ चेहरा अब दिखेगा नही
तू अब कभी सामने बैठ के बात करेगा नही
तेरा वो प्यारा सा हल्का सा स्पर्श जो हर परेशानी भुला देता था, वो अब मिलेगा नही
तेरा वो गुस्सा होने के बाद भी प्यार से खाना खिलाना, वो अब कोई खिलाएगा नही
तेरा वो हर गलती में भी कुछ अच्छा बताना, ऐसा सबक अब कोई सिखाएगा नही
तेरे जाने से सब कुछ सुना सुना सा हो गया है,
बस भरा है तो दिल तेरे प्यार से
आंखों में आंसू जम से गए, इस गम में भी सुकून है सिर्फ तेरे दुलार से
पता है तू जहा है वहा ढेर सारी खुशियां होंगी
कई सालो बाद ही सही पर एक दिन तेरी लाडली तेरे पास आकर तुझे गले जरूर लगेगी
तब तक अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखना
खुशियों का जहां उस पार उस दुनिया में बसाए रखना-