वो एक हसीन ख़्वाब था मेरा,
उसे देखना चाहूँ में हर दफ़ा,
मगर क्या करूँ,उसके जाने के बाद
हसीन ख़्वाब देखना छोड़ दिया है मेंने....-
Love to write and share my emotions
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क्या आपको पता है?
दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेसमैन कौन है ??
माँ....
जिन्हें बहुत अच्छे से पता होता हैं कि कम में ज्यादा प्रॉफिट कैसे होगा ...
अब देखो जब बच्चे को भूख नहीं लगती,और वो बोलता है कि "माँ बस एक रोटी ही खायेंगे"
तब माँ तुरंत ही दो रोटी को एक रोटी में इस तरह से तब्दील करती हैं कि बच्चे का मन और पेट दोनों खुश हो जाते हैं.
जब हम बच्चे बात ना माने तो अपनी ममता और थोड़ा सा इमोशनल अत्याचार इनवेस्ट करके,हमसे अपनी बातें भी मनवा लेती है.
और तो और सबसे ज़रूरी बात तो ये है की,जब भी घर-परिवार वालों पर मुसीबत आन पड़ती हैं तब,अपने सेविंग्स से घर का लॉस होने से भी बचाती है...
तो कौन कहता है कि माँ सिर्फ़ माँ होती हैं,माँ घर के लिए एक सफल बिजनेसमैन होती है.-
मेरी इन नजरों को तेरी एक झलक का इंतजार हुआ करता है ,
तुम दूर रहते हो, तो इस दिल में बेचैनी सी छायी रहती हैं,
कुछ रिश्तों की अहमियत को शब्दों में बयान नहीं किया जाता है,
बस ऐसा ही कुछ रिश्ता है मेरा तेरे से।-
तुम कोई मामूली शख्सियत नहीं
मेरी दुआओं से खुश
ख़ुदा ने मुझे तू अदा किया है-
तुमने मेरे चेहरे पर गुलाल लगाया,
और तेरा रंग मेरे पूरे जेहन पर चढ़ गया है...-
ये दिल कहना तो बहुत कुछ चाहता था,
मगर तेरे ग़ुस्से के पीछे छुपे हुए प्यार के आगे खामोश हो गया,
तेरे आंखों में आंसू देख ,
मेरे जुबां ने भी चुपी साद ली,
तेरे हर दुःख में मुझे तेरा साथी बना था,
और यहाँ मैं ही तेरे दुःख का कारण बन गयी,
मगर भूल इन सब बातों को,
मैं तेरी थी, तेरी हूँ और हमेशा तेरी रहूँगी बस इतना जान ले।-
इश्क़ के पन्नों पर मेंने लिखा सिर्फ तेरा नाम ,
तेरे साथ तेरे हर फ़ैसले में थामा तेरा हाथ,
जहाँ मेरी ग़लती वहां में तो हुई ही ग़लत,
मगर तेरी भूलों में भी मैं हुई बदनाम,
इश्क़ के पन्नों पर मेंने लिखा सिर्फ तेरा नाम,
इसको बचाने में रख दिया था मेरा ईमान।-
देखो.....
मुझे पता है, और में मानती भी हूँ,
कि मोहब्बत के बाद दोस्ती मुमकिन नहीं,
लेकिन बिछड़ के अनजान बनके जीना,
ये दिल को मंजूर भी नहीं।-
जब हम साथ होंगे......
वो शाम भी कितनी सुहानी होगी,
जब तुम और मैं, इस जाड़े के मौसम में साथ होंगे
एक ही रज़ाई में बैठ, अपनी जिंदगी के हसीन पलो को जी रहे होंगे,
जिंदगी की सारी तकलीफों को भूल,
हम एक-दूसरे के बातों में मुस्कुरा रहे होंगे,
हाथों में हाथ लिए, हमारी पहली मुलाकात के दिन,
याद कर एक-दूसरे को छेड़ रहेंगे होंगे,
शाम ढलते और ठंड बढ़ते ही हम एक-दूसरे में समा रहे होंगे.
वो शाम भी कितनी सुहानी होगी,
जब तुम और मैं, इस जाड़े के मौसम में साथ होंगे।
-
जब मसला दिल का है,
तो मरासिम में,
ये महँगे तोहफ़े का सौदा क्यूँ.....?-