Bekhabar hai ye जमीं ,
Bekabhar hai ye आसमां।
..
Mai to hon ab bhi वहीं,
Par tu hai ab कहां।-
एक सफर अब भी बाकी है।
एक मंजिल पाना अब भी बाकी है।
कोई कसक अब भी बाकी है।
मेरा तुमसे, तुम्हारा मुझसे मिलना
अब भी बाकी है।
एक डगर और लंबी राह पर , चलना अब भी बाकी है।-
सुना है सब ठीक हो जाता है, एक अरसा बीत जाने के बाद।
कुछ आंसू का, आंखो से बह जाने के बाद।
चलते चलते लड़खड़ाने के बाद,और फिर संभल जाने के बाद।
कुछ मन्नतो के बाद ,कुछ फ़रियादो के बाद।
बंद कमरे में चिल्लाने के बाद, गमो मे मुस्कुराने के बाद।
सब ठीक हो जाता है, एक अरसा बीत जाने के बाद।-
आंखो से निकले वही अश्क हे।
जिसके लिए निकले अक्स है ।
(अक्स =part )-
फायदा कुछ नही, यूं आंखे चुराने का!
कभी इनका काजल,हम ही हुआ करते थे!-
साथी सुन, अब तो बोलो न।
हृदय में छुपा राज,अब तो खोलो न।
क्यों बैचैन से हो तुम , क्यों मायूसी है छाई।
हवा को शरमा देने वाले तुम, क्यो हो गुम ।
साथी सुन ,अब तो बोलो न!-
Shar_e_sham aane ka wada kiya tha .
Magar Raat ab to Dhali Ja rahi hai.
Na jaane kanha raah mai ruk gaye wo.
Na jaane kanha der itni laga di☺️
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किसी ने देखे हैं ,पतझड़ मैं फूल खिलते हुए,
दिल अपनी ख़ुश नज़रि मैं दीवाना हो गया है!
बदन मै लहु ताजियना हो गया है,
उनको गले लगाए जमाना हो गया है!
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हुनर ज़िंदगी जीने का सिखला देता मैं मग़र!
टूट कर भिखरने की आदत न होती अगर!-
Kaali रातोँ मैं उजाले dek raha hoon मैं !
Kch khaabho ko pura krne ki raah dek raha hoon मैं!
Jo ye जूगनू h inhi ki रोशनी se चमकेगा rasta मेरा!
Inhi ko to ab राहगीर bna रहा hoon मैं!.
Ye आसमाँ bhi झुकेगा ar मंजिले bhi milegi.
Bs इसी ललक m ए ज़िंदगी tujhe jiye ja raha hoon मैं.!-