ये धुँध बुराई की है तो क्या हुआ, सूरज की पहली किरण से ही छंट जायेगा,
जो लूट रहें हैं उन्हें लूट लेने दो, समय आज उनका तो कल अपना भी आयेगा..
और दे लो साथ अभी एक-दूजे का, ये बुरा समय भी एक दिन कट जायेगा,
पर याद रखना, किसने किसके साथ क्या किया है ये सब याद रखा जायेगा..-
छोड़ दे अब यूँ मुड़कर पीछे तू देखना,
इस मतलब के नगर में तुझे अकेले ही लड़ना है।
और मत कर भरोसा अब तू औरों के साथ आने की,
तेरी मंजिल के सफर में तुझे अकेले ही चलना है।।
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जब से तू आई है, ना जाने क्यों तेरे सिवा कुछ और मैं लिख पाता नहीं हूँ,
प्यार-दर्द, वफ़ा-बेवफाई, जो भी लिखता हूँ बस तुझमे ही सिमट कर रह जाता हूँ..-
बिन पूरी बात जाने तुम तौहीन किसी की ना करना,
साथ लोग दोस्ती से भी होते हैं, नाम हरदफा उसे इश्क़ का ना देना...
और अक्सर टूट जाते हैं रिस्ते तुम्हारी इन चंद उड़ाई अफवाहों से,
अगर ना मिल सके कोई तुम्हे तो उसे बेवजह बदनाम ना करना ...
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ज़ब भी कभी दर्द में होता हूँ, तब तेरे लबों की वो प्यारी मुस्कान मैं याद कर लेता हूँ,
और हर मुशीबत छोटी हो जाती है, ज़ब तेरी आँखों में आँखे डाल मैं बात कर लेता हूँ..-
लाजमी है कि तुम लौट कर फिर मुझ-तक तो आओगे,
लाजमी है कि तुम अपने किये पर एक-दफा तो पछताओगे,
पर मैं तुम्हे फिर से लौट आने की इजाजत दूँ भी तो कैसे ??
लाजमी है कि अगर लौटे तो दिल तुम मेरा ही तो दुखाओगे ।-
था कभी जिनके हर दर्द का हमदर्द, अब उनका हमें कोई हाल नहीं मिलता,
और जिनका कभी हर वक़्त मुझसे था, मेरे लिये उन्हें अब वक़्त नहीं मिलता..-
लौट आया अगर अपने पुराने रुख में, तो तकलीफ अब बहुतों को होगी..
शान्त हूँ तो अभी शान्त ही रहने दो, अब अगर उठा तो तबाही सुनामी से भी भयंकर होगी..-
लौट आया अगर अपने पुराने रुख में, तो तकलीफ अब बहुतों को होगी..
शान्त हूँ तो अभी शान्त ही रहने दो, अब अगर उठा तो तबाही सुनामी से भी भयंकर होगी..-
छोटी मोटी लडाईयों का बचपना तो इश्क़ में हो ही जाता है..
पर ऐसे नाराज ना हुआ करो तुम ये जमाना रुक सा जाता है...-