Mech_Baba13   (The_Penned_Feelings)
149 Followers · 14 Following

read more
Joined 8 March 2019


read more
Joined 8 March 2019
11 MAR AT 21:35

ये शरीर - ये जिस्म को बंधन में तो बाँध देगी दुनिया,
पर मेरे ख्याल - मेरे जज्बात को कभी पिंजरे में कैद न कर पाएगी दुनिया ।

-


1 SEP 2024 AT 3:32

वो उनका हमें देख इतराना और मुस्कुराना, मानो बिन कहे कई सवालों का जवाब दे दिया ।

-


1 SEP 2024 AT 3:24

सुकून से सोया करो ए मोहतरमा इन हसीन आँखों ने अभी और भी कत्ल करने हैं ।

-


1 SEP 2024 AT 3:13

लिखूँ क्या मैं तेरे हुस्न के तारीफ में,
देख जिसे चाँद भी शरमा जाता अब्र के ओट में ।

-


1 SEP 2024 AT 3:07

उनकी ये उड़ती जुल्फें देख इस दिल में एक ख्याल आया,
क्यों न उन्हें आगोश में लेकर उसे उंगलियों से संवारा जाए ।

-


1 SEP 2024 AT 2:55

तेरे लबों की मुस्कुराहट,
तेरे आँखो में हया,
तेरे चेहरे का वो नूर,
तेरे माथे की बिंदी,
तेरे कानों के झुमके,
तेरे कलाई की चूड़ियां,
तेरे जुल्फों का वो उंगलियों से संवरना,
तेरे कमर पर सिलवटों का वो इठलाना,
तेरे बदन से लिपटी वो साड़ी का निखरना,
हर एक ने क्या खूब किया फ़रहत-बख़्श ज़ेबाइश इस हुस्न-ए-ज़न का ।

-


31 MAR 2024 AT 9:26

जिस्मों के शौक रख, दिलों का बाजार सजाते हो,
और हर गुजरते रैन के साथ रोज नया यार बनाते हो ।
कुछ पलों के मुलाकात में ही जाल यूंह बिछाते हो,
कपड़े के गिरते ही जिस्मों से, सामने वालों को छल जाते हो,
इश्क का नाम लेकर हर लम्हा, कुछ यूंही तो तुम जालसाजी करते हो।

-


23 MAR 2024 AT 11:21

शहादत के वक्त माँ भारती का वंदन जिन्होंने किया था,
इंकलाब जिंदाबाद का नारा भी उन बेटों ने ही बुलंद किया था।
शहीदी ने जिनकी लोगों के दिलों में इंकलाब के चिंगारी को भड़काया था,
फिर आसुओं के सैलाब ने आज़ाद भारत की आंधी को उठाया था।
अशफ़ाख-आज़ाद के सपनों को जिन सपूतों ने जिया था,
उन शहीदों के लिए ही पूरा हिंदुस्तान एक साथ रोया था।
जिन शहीदों ने अंग्रेजी हुकूमत के नीव को हिलाया था,
शहादत पे उनके देश के गद्दारों ने मगरमच्छ का आंसू बहाया था।
शहीदी से जिनके माँ-बाप का मस्तक गर्व से ऊंचा उठा था,
राष्ट्रप्रेम में दिए शहादत को देशभक्तों ने शहीद दिवस का नाम दिया था।

-


17 FEB 2024 AT 10:43

मुबारक हो ये जिस्मों की चाहत और ये हुस्न की नुमाईश... तुम्हारे जिस्म के तलबगार मुसाफिरों को,
मैं तो ठहरा एक सरफिरा - अवारा लड़का,
मुझे पसंद है अवारगी रूह-ए-मोहब्बत की ।

-


14 FEB 2024 AT 13:37

यूँ तो कोरे कागज पे उकेरे अक्षरों से भरे पन्नो को तो सब पढ़ लेते हैं,
मगर तुम मेरे मन के खाली पड़े पन्नो पे बिना स्याही से लिखे अक्षरों को पढ़ लेना।
यूँ तो रसज्ञा से निकले शब्दों की माला को सब सुन लेते हैं,
मगर तुम मेरी ओष्ठ पे सहमे अनकहे खामोश शब्दों को सुन लेना।
यूँ तो जिंदगी के सफर में कई अपने भी अनजाने बन जाते हैं,
मगर तुम ताउम्र के लिए इस सफर में एक अजनबी से हमसफर बन जाना।
यूँ तो बोलकर भी जिंदगी भर साथ कोई नहीं निभाते हैं,
मगर तुम बिन कहे जिंदगी के आखिरी पलों तक साथ निभा देना।

-


Fetching Mech_Baba13 Quotes