कहीं खुशी कहीं बेकसी देखी।
दबी दबी सी एक खुशी देखी।
वो सामने,फैले हाथ देखकर, जी भर आया।
आखिर,मुझमें भी किसी ने अपनी,खुशी देखी।
लोग चंद सिक्कों में गुजारते है दिन "आशीष"।
हमने एक खनकती हुई खुशी देखी।
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करता हू तुम्हे सलाम वतन पर मिट जाने वाले।
तुम्हारी हर सांस के कर्जदार हैं हम देश वाले।
पुलवामा दिवस।-
तू अल्हड़ जवानी गुलाब की..
मैं गर्म काँटा शराब का..
तू हर संगमरमर का ख्वाब है..
और मैं एक ताज यमुना के पास सा..!
Happy kiss day-
पास गर होते
तो मेरी बाहों में होते।
बड़ी जोर की तलब लगी है
तुम्हे गले से लगाने की।-
In aasuon ne aaj khud karz diya hai.!
Phir purane
Lamhe lautane ka waada kiya hai...!-
आशिक़ों से ज्यादा तो टेड्डी-बियर की मौज है।
उनकी माशूका की बाहों में सोते हर रोज हैं।
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अपने एहसासों को जमा कर लाया हूं।
चॉकलेट नहीं, इश्क़ का स्वाद चखाने आया हूं।-
उसे मेरी रूह से रिहा कर दोना कोई।
अब तो मुझसे जी हाँ कर दोना कोई।
Happy propose day-
मुझे तोहफा मेरी जरूरत के हिसाब से देना।
आज गुलाब की जगह एक किताब दे देना।-
अब मत मिलना दोबारा मुझे।
बहुत वक़्त लगा है संभलने में मुझे।-