Md Zawwad Raza   (Md Zawwad Raza M)
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I have a dream to make every member of my family happy…👨‍👩‍👧👌🌹❤️❤️❤️❤️
Joined 11 October 2019


I have a dream to make every member of my family happy…👨‍👩‍👧👌🌹❤️❤️❤️❤️
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24 SEP 2023 AT 21:36

Tumhari in kadmo me Gulab-E-Jahan bichadu,

Dil ki yah khwahish hai ki tumhare liye Khushnuma-E-Pal bichadu....

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22 SEP 2023 AT 21:27

KYA KHUBSURAT ALFAZO ME LIKHA HAI KISI NE...

ITNI JAGAH TO BNAYI HOGI MAINE TUMHARE LIYE DIL

MEIN.

BAS EK KHUSHNUMA SA MULAQAT CHAHIYE

SABAR KA IMTEHAN NA LO YE TAMANNA HAI MERE

DIL MEIN.

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11 OCT 2021 AT 9:15

रौशनी के लिए दिया जलता हैं,
शमा के लिए परवाना जलता हैं,
कोई दोस्त न हो तो दिल जलता हैं,
और दोस्त आप जैसा हो जो ज़माना जलता हैं!

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8 OCT 2021 AT 10:47

भेजो न मुझे वापस तुम साहे अता होकर,
मर जाऊंगा रो रो कर मै तुमसे जुदा होकर।

लगता था न दिल मेरा तस्बीह ओ इबादत में ,
कैदी था मेरे मौला मै कबसे जलालत मै।

उर आया तेरे दर पर पिंजरे से रिहा होकर,
मर जाऊंगा रो रो कर मै तुमसे जुदा होकर।

के माना है जामने कि साही से इसे बेहतर ,
बन जाऊंगा अगर तेरे नोकर का जो मै नोकर।

कर लूंगा बसर अपनी टुकड़ों पे रज़ा होकर,
मर जाऊंगा रो रो कर मै तुमसे जुदा होकर।

है चांद को क्या उसकी औकात दिखा भी दो,
सकार मेरे पर्दा चेहरे से हटा भी दो।

अब और न तरपाओ तुम नूरे खुदा होकर,
मर जाऊंगा रो रो कर मै तुमसे जुदा होकर।

खोले न अगर अभ्भी किस्मत के मेरे ताले,
हलात पे हस हस के बोलेंगे जहां वाले,

मारा हुआ फिरता है आका का गदा होकर,
मर जाऊंगा रो रो कर मै तुमसे जुदा होकर।

तरकीब तो प्यारी है ज़व्वाद ये जीने की,
खवाईश है कि पाकीज़ा सेहरा- ए - मदीना की।

मिट्टी में मिल जाऊं ऐ काश फना होकर,
मर जाऊंगा रो रो कर मै तुमसे जुदा होकर।

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8 OCT 2021 AT 10:32

आग लगा दुंगा उन तमाम खवाइशो को
जिनकी वजह से
मेरे अम्मी अब्बू को
झुकना परे।

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8 OCT 2021 AT 10:28

सुना है तारीफ के
पुल के
नीचे नदी बहती है।

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2 OCT 2021 AT 14:57

लोगो से रिस्ता निभा कर एक ही बात सीखी है।
किसी की हद से ज्यादा फिकर करोगे तो वो इंसान आपको फालतू समझने लगेगा ।।

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22 JUN 2021 AT 11:15

सभी इंसान हैं मगर
फ़र्क सिर्फ़ इतना है..

कुछ ज़ख्म देते हैं और
कुछ ज़ख्म भरते हैं

हमसफ़र सभी है मगर
फ़र्क सिर्फ़ इतना है ...

कुछ साथ चलते हैं कुछ
साथ छोड़ देते हैं

दोस्ती सभी करते हैं
पर फ़र्क सिर्फ़ इतना है ...

कुछ दोस्ती निभाते हैं
कुछ दोस्ती आज़माते हैं...

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22 JUN 2021 AT 10:42

Alfaazo ko jo aap ne
apni lafzo se savara hai
Ye haale dil tamam hai
jo lafzo pe aaya hai.....

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5 OCT 2020 AT 10:55

Hawa se kah do khud Ko aazma ke dikhayen,
Bahut Chirag bujhaati hai ek jala ke dikhayen..

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