क्या तमाशा है के, सब मुझको बुरा कहते हैं,
और सब चाहते हैं, मेरी तरह का होना।।-
बेखौफ हूँ 💐 💐 💐
सारे शेर और अल्फाज़ मेरे खुद... read more
जितनी दूरी शहर से होती है,
उतनी ही दूरी ख्वाहिशों से हो जाती है,
जितना सुदूर रहता हूं,
उतना सुकून में रहता हूँ ।।-
मैंने ख़ुद में पैदा एक फ़न कर लिया है,
के ख़ुद को खुद ही में दफन कर लिया है,
ये ऐश व इशरत, ये जेब व जीनत पसंद नहीं अब,
मैंने अपने लिए हर कपड़ा कफन कर लिया है ।
Zainab-
नफ़रत गुनाह से करो, गुनाह करने वाले से नहीं।
शायद! वो तुम्हारी मोहब्बत में आकर गुनाह करना ही छोड़ दे।-
रूह तक रस्ता बनाया जा रहा है,
ज़िस्म को जरिया बनाया जा रहा है ।
ज़ख्म पर नहीं, आंख पर बाँधी है पट्टी,
चोट को अंधा बनाया जा रहा है ।
नस्ल को इस भीड़ का आदी बनाकर,
अस्ल में तन्हा बनाया जा रहा है ।
पाप को अंजाम देने के लिए अब.
धर्म को जरिया बनाया जा रहा है ।-
'मौला अली (र.अ.)' फ़रमाते हैं कि किसी को, महफ़िल में मुँह पर बेइज्जती करना उसको क़त्ल कर देने के बराबर है।
-
शहर ने कहा लोगों से
आओ यहां जी लो
लेकिन,
याद रखना कि बुढ़ापे का सहारा
तुम्हारा गाँव ही बनेगा ।-