दर्द ए-माँ
माँ के खोने के बाद
खुद के इंतेखाब पे रोना आया !— % &-
खुदी
खुद को बर्बाद तो कर सकता हूँ
लेकिन शर्मिंदगी से जी नही सकता !-
डर
अच्छे लोगों से डर सा गया हूँ मैं
बुरे लोगों में सहारा ढूंढ़ता हूँ!
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वक़्त की थपेड़ों ने मुझे शायर बना दिया
अब चाय पीता हूं और रस्क करता हूं!
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दोगलापन
समाज मे कुछ लोग दोगलापन का नक़ाब ओढ़ रखे हैं
बात इस तरह करते हैं जैसे शरीफ मालुम परते हैं!-
हर वो रिश्ते से दूरी बनाना अच्छा है
जिस रिश्ते के अंत मे तूम आते हो!-
शहीदों की कुर्बनियों
शहीदों की कुर्बनियों को यूँ ही बर्बाद नही की जाएगी,
उसके हर एक कुर्बनियों को सीने से लगाया जाएगा,
उसके हर एक खून, ओर साहस का बदला अमन से दिया जाएगा,
वो हमारे योद्धा हैं, हमेशा योद्धा रूपी याद किया जाएगा,
शहीदों की कुर्बनियों को यूँ ही बर्बाद नही की जाएगी,
भाई चारगी बनाकर अपने देशवासियों के साथ रहा जाएगा,
मझहबियों की इस बस्ती में लापता हिंदुस्तानी ढूँढता हूँ,
ढूँढ कर हिंदुस्तानी हम हर एक घर मे इतिहास लिखा जाएगा
नई सोच नई सुबह शाम लिखा जाएगा!-