तेरी जरुरत है मुझको
जैसे मछली को है पानी की,
बुद्धिहीन को ज्ञानी की।
कलकल नदियों को निर्मल की।
मंजरी को परिमल की
जैसे हारे को है जीत की,
अंखियों को है प्रीत की।
दरिया को तरंगो की,
इन्द्रधनुस को रंगो की।
जैसे चंदा को है तारे की,
नौका को है किनारे की।
कृष्ण को है राधा की,
जग मानूस को ज्यादा की।
जैसे जीवन को है रवी की,
शब्दो को है कवी की।-
Md Shaquib
(Shaquib Muhammad)
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Joined 9 January 2018
16 FEB AT 16:54
6 JUN 2021 AT 18:53
If you don't achieve your dream on time,
The dream becomes nightmare-
19 MAY 2021 AT 22:36
पहले लगता था की वो शराब की बोतल है,
जब नशा उतरा तो सिर्फ बोतल दिखी।-
7 MAY 2021 AT 0:06
तेरे होने से इत्मिनान मिला,
मेरे वजूद को नया पहचान मिला।
तेरा शुक्रिया काफी नही कर सकता दोस्त,
तेरे मिलने से मेरे जीस्त को नया जहान मिला।
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22 OCT 2020 AT 11:20
जब देखो तुम आईना
ज़रा सा मुस्कुरा देना
गम जो तेरे चेहरे पे हो
एक पल को उसे छुपा देना
आसूं बहे तुम्हारी आंखों से अगर
उन्हें अपने पलकों पे ही सजा देना
दर्द पहले भी था, दर्द आगे भी रहेगा,
तुम बस उस दर्द को भुला देना
आह जो तेरे दिल से निकले
अपने होठों में ही उसे दबा देना
जब देखो तुम आईना
ज़रा सा मुस्कुरा देना-