अगर किसी से मोहब्बत बेहिसाब हो जाये ,
तो समझ जाना वो किस्मत में नही है !
~ गुलजार-
मेरे पास फ़िर से कुछ नहीं था
गंवाने को . .
मैं उनकी गली से दुबारा गुज़र के क्या करता . .-
किताबों से दलीले दें या
खुद को सामने रख दें
वो मुझ से पूछ बैठा हैं
मुहब्बत किस को कहते हैं . . . .-
वहीं जो कहता था ,
इश्क क्या रखा है ।
एक हीर ने उसे रांझा बना रखा है ।
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लोगों के महलो को देखकर
अपने आपको ग़रीब मत समझो
क्यूंकि क़ब्र
सबकी एक जैसी ही होती है...!!-
में अक्सर उन्ही चीजो को पसंद कर बैठता हूं
जो शायद मेरे नसीब में नही होती-
हर बार मेरे सामने आती रही हो तुम ,
हर बार तुम से मिल के
बिछड़ता रहा हूँ मैं ।-
आज उसकी याद आ रही है कुछ कहना है
पर आपके इस मर्ज का कोई इलाज नही है
इसका इलाज है तो सिर्फ उसका दीदार और
दीदार कर लिया तो आपकी मुहब्बत और बढ़ जायेगी पर मुकम्मल नही होगी इसे सिर्फ एक खूबसूरत मोड़ छोड़ देना चाहिये मुमकिन नही है पर यही सच्चाई है आप रोक नहीं सकते-