कैसा यह जमाना है कांटों की तिजारत (धंधा) काफूलो की दुकान लिए क्यों बैठे हो मेले में -
कैसा यह जमाना है कांटों की तिजारत (धंधा) काफूलो की दुकान लिए क्यों बैठे हो मेले में
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पढ़ी ज़नाजे की नमाज भी गैरो ने साहबजिसके लिए हमने जान दी वो रह गए वुजू करते करते.. -
पढ़ी ज़नाजे की नमाज भी गैरो ने साहबजिसके लिए हमने जान दी वो रह गए वुजू करते करते..
तड़प रहें है जिस्म, बिलक रहें हैं लोगलाशों का अंबार है, मदद कीजिएन बांधिए हुकूमत से कोई भी मददजाहिलो की सरकार है, मदद कीजिए ©यशस्वी शर्मा -
तड़प रहें है जिस्म, बिलक रहें हैं लोगलाशों का अंबार है, मदद कीजिएन बांधिए हुकूमत से कोई भी मददजाहिलो की सरकार है, मदद कीजिए ©यशस्वी शर्मा
चला था इंकलाब करने इक बूढ़े कंधे पर सवार होकर,उसी से दगा करके कुर्सी से प्यार कर बैठा..। -
चला था इंकलाब करने इक बूढ़े कंधे पर सवार होकर,उसी से दगा करके कुर्सी से प्यार कर बैठा..।
बिकेगा मुल्क तो उसमें घर तेरा भी आएगा, अंध-भक्त तू क्या समझता है तेरा बाप तुझे कनाडा में फ्लैट दिलवाएगा? -
बिकेगा मुल्क तो उसमें घर तेरा भी आएगा, अंध-भक्त तू क्या समझता है तेरा बाप तुझे कनाडा में फ्लैट दिलवाएगा?
हैरत है तुमको देख के मस्जिद में ऐ 'ख़ुमार'क्या बात हो गई जो खुदा याद आ गया -
हैरत है तुमको देख के मस्जिद में ऐ 'ख़ुमार'क्या बात हो गई जो खुदा याद आ गया
ये सड़कों का सन्नाटा बता रहा हैइंसान ने कुदरत के साथ खिलवाड़ बहुत किया -
ये सड़कों का सन्नाटा बता रहा हैइंसान ने कुदरत के साथ खिलवाड़ बहुत किया
हाथ में लिंग मुह मे रामजोर से बोलो जय श्री राम -
हाथ में लिंग मुह मे रामजोर से बोलो जय श्री राम
हम फूल देते हैं, वो लाठी और गोली चलाते हैंहम आतंकवादी, और वो पुलिस कहलाते हैं -
हम फूल देते हैं, वो लाठी और गोली चलाते हैंहम आतंकवादी, और वो पुलिस कहलाते हैं
शहरों से हुआ है ये अंदाजादरिन्दे अब जंगलों में नहीं -
शहरों से हुआ है ये अंदाजादरिन्दे अब जंगलों में नहीं