Md Phool Babu  
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Humanity First.
Joined 2 June 2019


Humanity First.
Joined 2 June 2019
6 JAN 2022 AT 11:28

कैसा यह जमाना है कांटों की तिजारत (धंधा) का
फूलो की दुकान लिए क्यों बैठे हो मेले में

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5 JUN 2021 AT 23:22

पढ़ी ज़नाजे की नमाज भी गैरो ने साहब
जिसके लिए हमने जान दी वो रह गए वुजू करते करते..

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1 MAY 2021 AT 11:00

तड़प रहें है जिस्म, बिलक रहें हैं लोग
लाशों का अंबार है, मदद कीजिए

न बांधिए हुकूमत से कोई भी मदद
जाहिलो की सरकार है, मदद कीजिए

©यशस्वी शर्मा

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28 APR 2021 AT 22:08

चला था इंकलाब करने इक बूढ़े कंधे पर सवार होकर,
उसी से दगा करके कुर्सी से प्यार कर बैठा..।

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27 FEB 2021 AT 0:45

बिकेगा मुल्क तो उसमें घर तेरा भी आएगा,
अंध-भक्त तू क्या समझता है तेरा बाप तुझे कनाडा में फ्लैट दिलवाएगा?

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21 MAR 2020 AT 23:29

हैरत है तुमको देख के मस्जिद में ऐ 'ख़ुमार'
क्या बात हो गई जो खुदा याद आ गया

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21 MAR 2020 AT 23:15

ये सड़कों का सन्नाटा बता रहा है
इंसान ने कुदरत के साथ खिलवाड़ बहुत किया

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10 FEB 2020 AT 23:44

हाथ में लिंग मुह मे राम
जोर से बोलो जय श्री राम

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10 FEB 2020 AT 19:44

हम फूल देते हैं, वो लाठी और गोली चलाते हैं
हम आतंकवादी, और वो पुलिस कहलाते हैं

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10 FEB 2020 AT 19:13

शहरों से हुआ है ये अंदाजा
दरिन्दे अब जंगलों में नहीं

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