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हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूं मैं
भीड़ बहुत है इस मेले में हो सकता हूं मैं
पीछे छुटे साथी मुझको याद आते हैं वरना
इस दौड़ में सबसे आगे हो सकता हूं मैं
इक मासूम सा बच्चा मुझमें अब तक जिंदा है
छोटी-छोटी बातों पर भी रो सकता हूं मैं— % &-
अकेले चलना सीख लो !
जरूरी नहीं जो आज तुम्हारे साथ हैं !
वो कल भी तुम्हारे साथ रहे ?-
गरीब में जन्म लेना दिक्कत नहीं गरीब रहकर मर जाना ये सबसे बड़ा कर दिक्कत है
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समय बर्बाद न करना दिखावे में
वरना जिंदगी गुजारनी पड़ेगी पछतावे में
A/G-
सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो
जिन्हें छत तक जाना है
आपकी मंजिल आसमान है
पर रास्ता आपको खुद बनाना है
अपनी मंजिल को भुला के जिया तो क्या जिया
है दम तुझमे है तो उसे पाकर दिखा
लिख दे खून से अपनी कामयाबी की कहानी
और बोल उस किस्मत को
है दम उसे मिटा कर दिखा-
जिंदगी में कितना ही मुसीबत आ जाए पर हम हार नहीं मानेंगे मंजिल को हासिल करके ही मानेंगे मंजिलें ही हमारा सब कुछ है
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क्या इसे मोहब्बत कहते हैं । किसी को इस्तेमाल करके छोड़ देना । किसी का दिल रख कर तोड़ देना । वो शख्स भी बहुत रोया होगा । तुमसे शिकवा ना किया तो क्या हुआ । उसके सीने में भी तो एक दिल धड़कता होगा । लोग समझते हैं बेदर्द है वो । पर वो अपने जख्मों से उलझता होगा । वो केह ना सका तो क्या हुआ । वो अपने दर्दों को तो लिखता होगा । गुजरने दो दिन महीने साल को । जिंदगी तुम्हारी भी बेरुखी होगी । रोना आएगा तुमको भी । लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होगी
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शुक्र है बाजार में हंसी नहीं बिकती
वरना गरीबों से ये भी छीन लेते। (सच्ची बात)
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