Mayuरi   (तत्त्वमसि)
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Chaotic like Banaras 🍂
Joined 14 April 2018


Chaotic like Banaras 🍂
Joined 14 April 2018
3 MAY 2021 AT 15:53

चांद ऊंचा है बहुत
उससे तुलना करना छोड़ दो,
बेमतलब खुशियों की खोज में
परेशान होना छोड़ दो।

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8 MAY 2019 AT 19:31

एक की आग बुझी नहीं
लो दुसरी चिता सजने भी लगी!

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20 AUG 2018 AT 21:30

शांत हूं!धरती जैसे,
और चंचल समन्दर की
लहरें जैसे,
आखिर क्यों हूं ऐसी!
सवाल अच्छा है,
पर जवाब अच्छाई का,
मोहताज नहीं।

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26 APR 2018 AT 21:31

कुछ वक़्त के लिए ही सही तुम मेरे और मैं तुम्हारी हो जाती,
कुछ मेरी और तुम्हारी गुफ्तगू हो जाती

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3 MAY 2021 AT 17:12

कब से तन्हा हूं
कभी बढ़ता
कभी घटता हूं,
कभी अमावस्या
कभी पूर्णिमा
में ढलता हूं

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11 FEB 2021 AT 13:41

बिना जिन्दगी को पढ़े!

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4 FEB 2021 AT 10:00

acceptance of self intermittency

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30 JAN 2021 AT 15:56

The music I carry
is of Autumn;
the art of falling
without contrition!

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28 JAN 2021 AT 12:07

मैं और रात!

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15 JAN 2021 AT 19:28

Somebody!

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