जहां जहां ग़ालिब है इस्लाम
वहा वहां वाजिब है होना कत्लेआम
काफ़िर जहां दिखे उसे मारो
बना लो उन्हें अपनी लोंडी या गुलाम
आज से नहीं यह सदीयो से
बस देता है यही पैगाम
ये कैसा ख़ुदा है और कैसा है उसका कलाम
कट्टर हो ही जाता है
शिद्दत से इसे मानने वाला
आदमी वह भले ही हो कितना भी आम-
ડગલે ને પગલે અહીં પળોજણો બહુ છે
ફાવટ નથી મને મહેરામણ અને મહેફિલો ની
મારે તમામ બાબતો થી દુર જ રહેવું છે-
तळमळतो जीव
जो पर्यंत भेटत नाही थारा
आयुष्य म्हणजे
बऱ्याच प्रश्नांचा गुंतलेला पसारा
आशा अभिलाषांचा झुळूक वारा
-
असा राजा ना कधी इतिहासात घडला होता
ना पुन्हा यापुढे कधीही घडेल
शूरवीर हा शब्द पण लहानसा ठरेल
जेव्हा इतिहास लोकांना धर्म वीर
छत्रपती संभाजी महाराजांचा कळेल
अक्षरशः प्रत्येक जण धडा धडा रडेल-
गुलामी कधीच मान्य करू नका
लढा जो पर्यंत देहात शेवटचा श्वास आहे
यश नक्कीच मिळेल जो पर्यंत मनात
जिंकण्याचा ध्यास आहे-
कम पड़ जाता है उम्र का तकाज़ा
इसके हर मोड़ पर एक पहेली है
जिंदगी बड़ी अठखेली है-
कहीं पर जाती वाद है कहीं पर कौम वाद है
गण तो है पर तंत्र नहीं है एकता का कोई मंत्र नहीं है
देश को तोड़ने का यह कोई नया सडयंत्र तो नहीं है-
एक दूजे को अच्छे-से समझना है
परिस्थिति के अनुरूप चलना है
जीवन संघर्ष साथ मिलकर करना है
विवाह का अर्थ सामंजस्य को स्थापित करना है
-
वस मे करलो अपनी सारी इंद्रियों को
शून्य होकर प्राप्त कर लो पूर्णता को-