Mayank Singh   (finger's magician)
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Joined 1 April 2019


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27 DEC 2020 AT 1:46

इस वक़ति धुंध में आहिस्ता ही ज़िन्दगी चलने दो, ख़्वाबों को ज़रा सब्र से मुखातिब होने दो, मिलेगा क़तरा रौशनी का भी,
ज़रा रात ढलने दो, ज़रा सहर तो होने दो.!

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31 JUL 2020 AT 22:24

बाद पतझड़ के फिर से चिड़ियों का बसेरा होगा ,

गर अाई है अंधेरी रात तो सुनहरा सवेरा भी होगा.!

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9 JUL 2020 AT 1:03

हलकी हवाएं और नदी का किनारा जैसे,
सूखी मिट्टी पे पड़ती बूंदों का नज़ारा जैसे,
नज़ाकत सा है तेरे चेहरे पे वो नन्हा सा तिल,
फ़लक पे चमकता कोई नायाब सितारा जैसे।

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26 JUN 2020 AT 22:16

सुकून तेरे साथ का जैसे चांद को चांदनी का लगे है ,

ज़िन्दगी की तमाम कश्मकश में भी इत्मीनान सा लगे है।

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24 MAY 2020 AT 20:33

इक तेरे नाम पे आ गया जाम महफ़िल में ,

गर बयां सिलसिला होगा तो क्या होगा !

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12 MAY 2020 AT 22:39

तूफ़ान से उझड़ी रातों में ना कोई काम याद आता है ,

ना ज़फ़र , ना गर्दिशें ज़माने की , बस अपना मकां याद आता है ।

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30 APR 2020 AT 0:09

तेरे जाने का ग़म हर एक इंसान को है ,
इससे ज़्यादा और क्या तेरी शान में लिखूं ,
बोलते अब्सार , मिसाली शख्सियत , सलाम तेरे काम को है ,
नहीं मेरी हैसियत की मैं इरफ़ान लिखूं ।


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25 APR 2020 AT 12:18

In the dark night sky ,
as the moon and the stars shines ,
they tell a million of stories ,
some of yours and few of mine.

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14 FEB 2020 AT 23:07

इज़हार - ए - मोहब्बत को तरीक़े से हट के तुमसे बोल देता हूं ,
मैं तुम्हारे इश्क़ में अपने सारे पत्ते खोल देता हूं।

तुम मत आना मेरी बातों में ,
परखना हर एक मौक़े पर ।
ज़िक्र तुम्हारा ही मिलेगा शामिल ,
मेरे हर पल , मौक़े - बेमौके पर ।।

बेशक है बहुत सी कमियां मेरे में ,
पर प्यार मेरा सच्चा है ।
मांगते तुम्हें तक़दीर में ख़ुदा से ,
हर सजदा मेरा सच्चा है ।

गर तुम नहीं तो कोई नहीं ,
ख्यालों में भी तुम्हारे एहसास को महसूस कर लेता हूं ,
इज़हार - ए - मोहब्बत को तरीक़े से हट के तुमसे बोल देता हूं ,
मैं तुम्हारे इश्क़ में अपने सारे पत्ते खोल देता हूं।

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13 FEB 2020 AT 5:44

कभी राह से थोड़ा भटक के ,
हल्की मदहोशी में ,
उसूलों से ज़रा हट के ,
इस प्यारे से सफ़र में चल के देखो ,
गर अच्छा ना लगे तो बताना ,
छोड़ आऊंगा वापस तुम्हें तुम्हारी ही दुनियां में ,
जहा होश भी है , और है रिवायतें भी ,
जहा शक भी है , और है तुम्हारे प्यार की आयतें भी ,
मै तो हूं एहसासों का पंछी मेरा कुछ नहीं इस दुनिया में तुम्हारे सिवा ,
गर धुंध सा लगा तुम्हारी आंखों को , तो हो जाऊंगा गुम बन कर के हवा।

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