कॉफ़ी तो महज़ कशिश है
हमे तो आरजु है तुम्हारी,
दोनों मिल जाये साथ तो
मुक्कमल हो दुआ हमारी !😊-
मेरी चाहत की पहली कशिश हो तुम
तुम में देखूं मुक्कमल आरजु अपनी,
चलु साथ तुम्हारे चले जब तक साँसे
मेरे दिल में तुम्हारे लिए मोहब्बत है इतनी !-
महसूस भी नहीं करता
जो मुक्कमल न हो सके,
मगर एक नजर ही काफी है तेरी
तुझसे इश्क़ के लिए !😊-
यादों के सहारे मुस्कुराते हुये
रो पड़ती है निगाहें,
आँसुओ ने ही कि हैं वफ़ा
जो दिल की कसक को समझती रही !
.
कुछ कहो तो खता
कुछ न कहो तो खता,
बेजुबाँ दिल की चाहत
लबों पे आ कर टूटती रही !
.
खोखली हँसी और जज्बातो के बीच
मशरूफ़ रहे खुद को भुलाकर बहुत,
लोगों के चेहरों पे ही दाग थे
और मैं आईना साफ़ करती रही !
.
तन्हाइयो में ढूंढती गुमसुम सी
बेजान साँसों से महफ़िलो की रौनक,
अहसासों को छुपाने की ख़ातिर मैं
दूरियो को दस्तूर कहती रही!
-
सुबह- सुबह आँखे खिल उठती है
देख चाय की प्याली का,
कितना अच्छा हो अगर मूड हो रोमांटिक
चाय पिलाने वाली का !😁😘😍😆😊-
कुल्हड़ की चाय से महकती सौंधी सी खुश्बू
सुबह सुबह तेरे करीब होने का एहसास देती है-
हमसफ़र बन ना चाहू मैं तेरा
बस तुम पे ही हक हो मेरा,
दो जिस्म है भले ही हम मग़र
तुम्हारी साँसों से धड़के दिल मेरा !
-
अक्टूबर की धीमी ठण्ड वाली सुबह
और कम्बल से झांकती नजर मेरी नजर,
गीले बालों संग तुम्हारा चाय ले कर आना
खुद से मुझे कर देता है बेखबर !😊-
छू लू तुम्हे आँखों से अपनी
हर एहसास में मेरे तू शामिल हो जाये,
महसूस करु करीब से धड़कनो को तुम्हारे
काश ये ख़्वाब हकीकत हो जाये-
मैं मायूस क्यों हो जाऊ
लकीरों में अँधेरा देख कर,
पसीनें का हर एक बूँद ही
मेरे आँगन में रौशनी बिखेरेगा !-