समय के बदलाव के साथ समझ आगे बढ़ जाती है,
अकेले किस्मत कहां पूरे जीवन का भार उठाती है।
अरे ओ भाग्य भरोसे बैठने वाले तुझे इल्म रहे सदा,
सफलता मिलती है जब कड़ी मेहनत दिख जाती है।
ग़र मनुष्य अपने हृदय में दृढनिश्चय कर ले तो यारों,
एक क़लम भी जंग जीतने का हथियार बन जाती है।
सुनो दुआएं भी तभी कुबूल होती हैं उसके दरबार में,
जब आपकी पेशानी मेहनत को मुकम्मल बताती है।
मेरे लहज़े में आई नरमी समय का खेल जान लो तुम,
जब भी क़िस्मत खेलती है तो प्यार कहां दिखाती है?
भाग्य भरोसे बैठने वाले थोड़ी सी मेहनत तो कर ले,
बता तेरी जिंदगी तुझे हमेशा क्यों फरियादी बताती है।
निरंतर आगे बढ़ने से भी हमें मंजिल मुकम्मत होती है,
देख निरंतरता सुंदर नदियों की हमेशा बहती जाती हैं।
देखो ये शीतल से जल की धारा अपने निरंतरता से,
पहाड़ों का सीना चीर अपनी मंजिल से मिल जाती हैं।
इश्क़ की गली में भाग्य भरोसे बैठने वाले याद रख,
अजब दुनिया है हीर रांझा को छोड़कर चली जाती है।
ग़र इश्क़ किया है तो पीछे हटना बुजदिली होगी 'राव',
कलयुगी दुनिया में भी कहानी मुकम्मल हो जाती है।-
Athlete 🦍
वो जो आ जाती है हमारे करीब यारों बहार आ जाए,
उसको देखने भर से सर पर इश्क़ का खुमार छा जाए,
यक़ीनन रहा हो कल का चांद बेहद खूबसूरत लेकिन,
उसकी खूबसूरती ऐसी कि यारों चांद भी शरमा जाए।
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तुम्हारे गोरे गालों को चूमते वो झुमके,
हरा सूट पहन के लगाए हुए वो ठुमके,
बेहद कातिलाना अंदाज लगता है यार,
जब तुम मुस्कुरा देती हो पीछे घूम के।-
सच कहूं मुझे उसकी याद जब जब भी आती है,
ये दुनिया मुझे उसके जैसी सुंदर नज़र आती है।
उसकी कुछ तस्वीरें रखी हैं मैने अपने फोन में,
वो तस्वीरें हमेशा मुझे तन्हाई से बाहर लाती हैं।
तस्वीर देखने से उसकी इनायत होती है मुझपर,
उस रात यारा ज़रूर मेरे ख्वाबों में चली आती है।
उसके आने पर उसके पायलों की झंकार कुछ यूं,
कि जैसे बाग में कोयल कोई मधुर गीत गाती है।
वो जब लहराती है अपनी साड़ी का आंचल तो,
यारों मेरे इस दिल की धड़कन बहुत बढ़ जाती है।
चांद की चांदनी में उसका खिलता बदन तो यूं,
कि जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से धरती में आती है।
उसके गेसुओं को जब अपनी सांसों में उतारूं,
तो उसकी जुल्फ़ें क़िमाम की खुशबू बिखराती हैं।
उसके सुर्ख गालों का ज़िक्र जब करूं तो यार,
मेरी क़लम की स्याही भी खुद सुर्ख हो जाती है।
उसके काजल से भरे कजरारे नैन तो मानो कि,
जैसे कोई जोगन मुझे इश्क़ का जोग लगाती है।
क्या कहूं जब देखता हूं उसके माथे की बिंदिया,
*राव* इस दुनिया में ही मुझे जन्नत नजर आती है।-
बड़े ही शिद्दत से प्यार किया है तुमसे तुम्हे खोने से डरता हूं,
तुम सपने में भी न बिछड़ जाओ इसलिए सोने से डरता हूं,
याद है कहा था तुमने कि तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है,
इसीलिए हर ग़म सह जाता हूं राव लेकिन रोने से डरता हूं।-
अपनी बेकरारी को मैं किसी से बता नहीं सकता,
मिलना मैं भी चाहता हूं लेकिन बुला नहीं सकता,
दिली तमन्ना है मेरी तुम्हारी मांग तारों से भर दूं।,
लेकिन मजबूरी है आकाश से तारे ला नहीं सकता।-
सुनल बिया की तोहरा के फूल ढेर नीक लागेला,
फुलवा देख के तोहरे मनवा में खुशी जागेला,
चला ठीक बा हम तोहरा खातिर ले आइम कहे कि,
जब तू मुस्कुराइला न करेजा फूल जैसन लागेला...
तोहरा के भी हमरे सांघे पहलवान बनाईम,
सगरो कदम कदम पर तोहार साथ निभाइम,
तोहार मुस्कुराहट भरा चेहरा देख के हमर भाग जागेला,
जब तू मुस्कुराइला न करेजा फूल जैसन लागेला....
केहू गेंदा मांगे केहू मांगे चंपा चमेलिया,
केहू मांगे गुलमोहर केहू मांगे डहेलिया,
हमरा के पसंद बा जवन #यारा के पसंद आवेला,
जब तू मुस्कुराइला न करेजा फूल जैसन लागेला...
उ फूल लाके तोहरे केशिया में सजावे के मन बा,
उ फूल सांघे केश के खुशबू में डूब जावे के मन बा,
कहे कि उ खुशबू एक अलगे ताजगी जगावेला,
जब तू मुस्कुराइला न करेजा फूल जैसन लागेला...
उ सूनर फूल तोहरे केशिया में शोभी,
ऐसन तोहार अखियां त लागे चलैहें गोली,
उ गोलिया बार बार आइके हमर दिल धड़कावेला,
जब तू मुस्कुराइला न करेजा फूल जैसन लागेला...
फुलवा के मेंहदी तोहरे सवंरको हथवा में उतारब,
तोहार सूनर तस्वीर अपन दिल मा उतारब,
कहे कि तोहार याद हमर दिलवा के आजो धड़कावेला,
जब तू मुस्कुराइला न करेजा फूल जैसन लागेला।-
आज पापा का संघर्ष इस कलम से बयां करूंगा हमेशा भगवान से पहले उनका ही नाम लिखूंगा,
बेहद मुफलिसी से घिरे उस जांबाज शख्स को अपने जीवन के हर सफलता की कुंजी कहूंगा।
अपने पापा की उंगली पकड़ के हमेशा चलता हूं उस बहती नदी के पानी में मैं हमेशा बहता रहूंगा,
उनकी आशीर्वाद की छत्रछाया मुझ पर ऐसी कि फिसल गया तो भी सफलता के समंदर में गिरूंगा।
बहुत रोना आता है मुझे जब पापा कहते हैं,बेटा!लगता है आखिरी सांस भी मैं खेत में ही लूंगा,
मिट्टी से बने उस कच्चे मकान में सुकून होता है जब पापा छुट्टी लेकर कहते हैं आज मैं घर में रुकूंगा।
मुफलिसी में भी हमारे सपनों को मरने नहीं दिया अपने पापा को सफलता के परों की परवान कहूंगा,
उनका हौसला व संघर्ष मेरा आदर्श रहा है हमेशा उनके बताए गए मार्गों पर निःसंदेह चलता चलूंगा।
पापा की पगड़ी और मूंछों की पहचान हूं मैं अगर इरादा है कि हमेशा उनके सर का ताज बना रहूंगा,
ये जीवन कर्ण के जैसा रहा हो हमेशा *राव* पापा का आशीर्वाद है तो नियति से भी नहीं डरूंगा।
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उसकी तस्वीर जो देखूं तो दिल पर कयामत हो जाए,
मेरे रूबरू जो आए मुझपर उसकी इनायत हो जाए,
कभी जो उसके पाक कदम मेरे मकां में पड़ जाएं तो,
कसम खुदा की ये ईटों की इमारत भी जन्नत हो जाए।-
सुण लिए मैडम कदे दिलां से खेलना न आया देशियां ने,
जे म्हारे खेल देखने हैं तो कबड्डी और कुश्ती का गेम देख,
ध्यान ते सुनिए यारी में कदे तेजी दिखानी नही आई यारा ने,
जे म्हारी तेजी देखनी है तो 100 मीटर दौड़ का टेम देख।
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