mayank rav   (Rav ki kalam se ✍️)
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Joined 17 October 2022


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11 HOURS AGO

तुम्हारे बालों के गजरे की खुशबू जब महक जाती है,
इस दिल में हसरतों की एक चिंगारी , दहक जाती है,
हमारी नजरों से, अपनी नजरों को नहीं मिलाना राव,
इनके नशे से मदहोशी में हमारी चाल बहक जाती है।

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6 OCT AT 18:09

माथे पर लगा के बिंदी सादगी दिखाने , आई हो क्या?
आंख में काजल लगाके बिजली गिराने , आई हो क्या?
कोई इतना खूबसूरत कैसे हो सकता है , ओ मेरे यारा?
ज़रा बताओ हौज ए कौसर में नहा के , आई हो क्या?

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6 OCT AT 14:57

मैं तेरे आसमान का चांद तो हो जाऊंगा इक रोज,
मैं तेरी इन बाहों का हार भी हो जाऊंगा इक रोज।

आज भी मेरे इस नादां दिल में तमन्ना रहती है कि,
मेरी ये ख्वाहिशें भी मुकम्मल हों जाएंगी इक रोज।

मैं हमेशा तुम्हारी राहों में , अपनी पलकें बिछाता हूं,
रहम होगा ग़र चली आओगी पास हमारे इक रोज।

ग़र तुम आ जाओगी इनायत होगी मुझ पर तुम्हारी,
वरना मैं तो तुम को अपना लिख ही दूंगा इक रोज।

सोचता हूं कि एक किताब लिखूं यारा शीर्षक वाली,
उसमें अपने साथ तुम्हारा नाम जोड़ लूंगा इक रोज।

तुम्हारी बेबाकी के दीवाने बन बैठे हैं हम ऐसे *राव*,
लगता है कि तुम्हारे प्यार में, मैं बन गया हूं इमरोज।

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4 OCT AT 17:41

हिज़ाब यूं न डालो रुखसार पर , हमें दीदार करने दो,
शर्म ओ हया के परदे हटा दो , इश्क़ बेशुमार करने दो,
सुना है कि बड़ी ही नशीली हैं तुम्हारी आँखें मेरे यारा,
आओ ज़रा पास हमारे और हमें मदिरा पान करने दो।

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29 SEP AT 12:51

उसी खाली पन्ने में तुम, मेरी यादों की तस्वीर बनाना,
अपने हाथों से, उस पन्ने पर कोई ग़ज़ल लिख जाना,
हमारी तक़दीर थी, कि तुम हमारे हिस्से आए थे राव,
वरना मुफलिसों को कहां मुकम्मल सोने का खजाना।

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27 SEP AT 10:49

Castism and worship ❤️😃

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25 SEP AT 14:57

शुक्रिया आपका जो हमारी इतनी पोस्ट लाइक की। 🙏❤️😊

आशा है हमारे लफ्जों को ऐसे ही आपका प्यार मिलता रहेगा।😊

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25 SEP AT 14:40

वो इश्क़ कैसा कि रुसवाई में आंसू गिरते रहें,
तनिक महबूब क्या रूठा मारे मारे फिरते रहें,
कुछ ऐसे इश्क़ करता है राव , अपने यारा से,
वो हमसे दूर हुए और हम शायरी लिखते रहे।

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25 SEP AT 8:53

ग़र होते हम तुम्हारे अरमानों में, तो तुम यूं न जाती,
हमारे दिल में मोहब्बत का एक आशियाना बनाती,
तुम्हारी ख्वाहिशों में हम नहीं सही , गिला नहीं राव,
हमारे दिल में तुम आज भी हो ये धड़कने हैं बताती।

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24 SEP AT 12:21

बताओ यूं दूर दूर रह हमें तड़पाओगी, कितने दिन,
यूं ही चैट वैट कर हमको तरसाओगी, कितने दिन,
अब दिली तमन्ना है कि एक मुलाकात हो ही जाए,
यारा ऐसे ही हमें इंतजार करवाओगी, कितने दिन।

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