वो अल्फ़ाज़ आज तक मेरे दिल मैं महफ़ूस है जो उसने कभी कहे तो नहीं लेकिन अपने होठों से मेरे होठों पर रख दिए थे।।
-
किसी ने मुफ़्त मैं पा लिया वो शक्स।।
जो मुझे हर क़ीमत पे चाहिए था।।-
हर शक्स यहाँ भाग रहा अपने जीवन की हक़ीक़त से,
शायद अंजानों मैं दिल खोलना आसान होता होगा।।
दिये है भगवान ने सबको अपने हिस्से के मुसाफ़िर,
शायद उसकी मर्ज़ी पे विश्वास ना करना आसान होता होगा।।
तभी है हर शक्स यहाँ तनहा, मायूस, बिखरा, टूटा,
शायद अकेले ये सब सहना आसान होता होगा।।
-
शरीफ़ लड़कियों के दिल जो मैंने तोड़े थे।
उन्हीं की भेजी हुई एक बद्दुआ थी वो।-
सब लोग बदलते नहीं है, बस पुराने झूट को नये तरीक़े से बोलना सिख लेते है॥
-
चंद अल्फ़ाज़ों की थी ज़िंदगी॥
कुछ तेरे प्यार मैं बीत गई कुछ तेरे इंतज़ार मैं॥-
ज़िंदगी के हालातों का मुआयना करने चले है,
आज हम अपनी मुश्किलों से लड़ने चले है,
है बहुत इस वक़्त मैं साथ देने के लिए,
लेकिन हम एक ख़ास शक्स की तलाश मैं चले है।।-
Taaron me akela chaand jagmagata hai, Muskilon me akela insaan hi dagmagata hai, Kaanto se mat ghabrana mere dost, Kyuki kaanton me hi ek gulaab muskurata hai..
-