नाराज़गी और उससे, अपनी जगह है,
झगड़े और उससे, अपनी जगह है,
पर जो जगह उसकी है मेरे अन्दर,
वो केवल उसकी जगह है,
वो जो देखू वो किमी-ती नज़रे हैं वो,
ना सोचूँ और उसे, अपनी जगह हैं,
सुकून जो मिल जाए एक झलक देख कर,
वो केवल उसकी जगह है,
दिल के कोने में जो अब,
मरने तक पास रहेगी
वहाँ उसी के यादों की छाप रहेगी,
उसी के बातों की मिठास भी,
जो एक खुशबु महकाता हैं जहन को,
वो केवल उसकी जगह है,
एक तस्वीर जो बातें करती मुझसे,
रात पूरी उसकी तरह हैं,
ख्वाबों में जो अक्सर तकिए पर मिलती हैं,
वो केवल उसकी जगह है,
मेरा कविता और कलम मयंक,
मैं की रात और पन्नों का,
जो आँसू ख़ुशी हिस्सा हैं,
उसपर सिर्फ उसकी जगह है,
वो केवल उसकी जगह हैl
मयंक कुमार-
फिर भी लिखता हूँ ,
कुछ बातें दिल कि बस पन्नों पर बिखेर देता हूँ l
✍️. My Tel... read more
सुना है,
मोहब्बत एक बार हो जाए फिर दुबारा नहीं होती,
और लड़कियां मोहब्बत भुलाए नहीं भूलती,
यू तो हर एक पल मेरे जहन से नहीं गयी तुम,
फ़िर वो सब रातें कैसे भूल गए तुम,
कैसे भूल गए मोहब्बत का कोना,
अब मुझे विश्वास नहीं उन लोगों पर,
जो कहा करते हैं,
मोहब्बत एक बार हो जाए फिर दुबारा नहीं होती,
और लड़कियां मोहब्बत भुलाए नहीं भूलती l
मयंक कुमार l-
तुम चार पन्ने लिखना
पहले पर ख़ुद कि तारीफ लिखना,
दूसरे में मेरी खूब बुराईयां लिखना,
तीसरे में क्या-क्या पसन्द हैं तुम्हें मेरी वो लिखना,
चौथे मैं इतना क्यूँ सोची मुझे लेकर,
वो बात और हो गयीं हैं जो तुम्हें अगर मोहब्बत मुझसे,
पुरी रात सोचना,
फ़िर तुम मुझपर पुरी पन्ने हजार लिखना l
मयंक कुमार l-
सुनो,
बहुत सी बातें करनी है तुमसे,
हाँ थोड़ी शिकायत भी करनी हैं,
ग़ुस्सा बहुत हु मैं तुमसे,
थोड़ी पिटाई भी करनी हैं,
गले मिल कर रोना है,
हाथों को पकड़ना हैं,
कभी नहीं छोड़ना हैं,
तुम आना एक रोज,
या वादे के अनुसार अगले जन्म,
वादा मैं इंतजार अगले जन्म तक करूंगा,
सुनो,
तुम आना उस रोज,
पुरी जिंदगी लेकर l
मयंक कुमार l-
सुनो एक आखिरी ख्वाहिश है तुमसे,
तुम अपने बेटे को "मेरे तरह" और
बेटी को "अपनी तरह" बनाना l
मयंक कुमार l-
देखो ना, यू हर एक रात तुम्हारी याद में,
आज पूरा एक साल हो गया,
तुम्हारी बिदाई के,
तुम भी तो नहीं बदली,
ख़ातिर मोहब्बत नाम किसी, साथ किसी नाम के,
वो एक दिन था जब मिलना था,
तुम आए और कर गए इजहार मोहब्बत का,
इज़हार तुम्हारा खूबसूरत करना था,
और याद है तुम्हें, वो क्या हर एक आँसू,
तुमने रात रात भर रोया था,
जागा था मैंने, तुमने सुकून से सोया था,
फिर एक रोज इज़हार ए मोहब्बत सोचा कर दूं,
'गोडा जी' कह तुमने सब कुछ बोला था,
फिर जाकर ओठों के तले मैंने ख्वाबों को मार,
मोहब्बत को किस्मत पर छोड़ा था,
सोचा कि तुम हो, कहा जाओगे,
कभी तो गोडा जी से ऊपर उठ कहोगे, मयंक कब ले जाओगे,
फिर एक शाम यू आ गया,
कोई इंतजार में था, किसी को कोई चुरा गया,
वो रात आज एक साल हो गया,
एक ख़ुद को भुला गया, एक सपने सजा गया,
आंसू भी अब कहा बहते हैं,
हस्ते हैं, और वह शांत रहते हैं,
सवालों का जवाब भी नहीं खोजता मैं,
देखो ना, यू हर एक रात तुम्हारी याद में,
आज पूरा एक साल हो गया,
कोई तुम्हारी याद मैं बैठा और तुम्हारी बिदाई हो गया l
मयंक कुमार l-
लिखूं तो संगीत, ज़माने, नाज़ारे, तिलक वाकई रीज - रीज सब तेरे नाम पर,
और कहुं तो, हमारी ये कविता, ये लिखावट, ख्वाबों से लिपटी आस्मां में परिंदे आसमानी, ये आंखें, ये सपने, ये सभी महताब, सब तेरे नाम पर l
मयंक कुमार l-
According to daily my experience, I, mayank thinks that everything is beautiful depending on it's situation.
"A school bell sounds irritating at 6am
but the same bell sounds melodious at 12pm"-
"Tumhari yahi tashvir toh dekkh kr mohabbate huye thi tumse.....
tum huye nhi Hamare....
huye hote toh btata....
ki your Quote ki wo profile pic ki trh tum aaj bhi yaad ho mujhe.....hamesa k liye..."
Mayank.-
यू जो तुम कलम से ख़फ़ा लिखते हो
टूटे हो क्या जो इतनी वफ़ा लिखते हो l
मयंक।-