उसने बहुत मेहनत कर, उसे "एसडीएम" बनाया' फिर भी छोर गई?
महिलाएं की फितरत होती है, रंग बदलने की' इसलिए दिल तोड़ गई...
मयंक मधुर-
राजनीतिज्ञ को धोखा दोगे तो वह जल्दी रिएक्ट नहीं करेगा,
सही वक्त आने पर तुम्हारे घर का चराग़ भी बुझा सकता है...-
सामने रहता है कोई, तो लोग कुछ भी नही कहते!
जब दूर हट जाते है तो, सब लोग बुरा भी है कहते!!
मयंक मधुर-
जिंदगी की भागम-भाग में, जोर उसी का चलता है!
जो बनाकर खुद से रास्ते, भीड़ से आगे निकलता है!!
मयंकमधुर
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इंसान तो खुदगर्ज है, मतलब का यार है!
मतलब निकल जाए तो, फिर कहां किसी से प्यार है...
मयंक मधुर-
उसकी चाहत के अलावा मुझे कुछ और दिखता ही नही है,
उससे दिल लगाकर मैं खुद को भुला दिया.....
मयंक मधुर-
जिंदगी है छोटी पर, उम्मीद को उम्दा बनाने दो!
कठिनाइयों का क्या करें, हमें कदम आगे बढ़ाने दो!!
मयंक मधुर-
जिंदगी के समंदर में उदासी का तूफ़ान न आने दो,
अगर इश्क़ है सच्चा तो किनारे तक पहुँच ही जाएगी...
मयंक मधुर-
समय के साथ चलना सीख रहा हूं,
इसलिए अब संभलना सिख रहा हूं!
किस्मत को कोसने से कुछ नहीं होगा,
इसलिए ख़ुद को बदलना सिख रहा हूं!!
मयंक मधुर-
भावना उमर रहा है तो,
मैंने इसे सब्दों में गढ़ दिया।
दिल घायल है तो भी क्या बताऊं,
जो दिल ने कहा वो मैने लिख दिया...
मयंक मधुर-