तेरी आवारगी तुझे बेनकाब केरेगी,
तेरे मोहब्बत करने की अदा तुझे बर्बाद करेगी,
यु जो भोले भाले दिल से खेलने की फितरत है तुम्हारी,
तेरी यही आदत तुम्हे हर शाम खलेगी।
कही तेरे अरमानो का महल ये हवा न गिरा दे,
संभल जा वर्ना उजाले से भी डरेगी।
तेरी आवारगी तुझे बेनकाब केरेगी।
काश की होती किसी से सच्ची मोहब्बत,
ये बात तुझे हर रात चुभेगी,
पानी की बूँदो पे बहुत गुमा हे तुम्हे,
एक दिन बारिश तेरे आशियाने को तबाह करेगी।
क्यु खेलती है सच्चे दिलो से?
क्या खिलौने के टूटने का अफसोस करोगी?
तेरी आवारगी तुझे बेनकाब केरेगी।
चादर की तरह जो तुम करवट बदलती हो,
क्या सुबह बिस्तर की सिलवटे ठीक करोगी?
अफसोस तो होगा तुम्हे एक रोज,
तुम उस दिन मेरी प्यार को तरसोगी।
याद रखना
तेरी आवारगी तुझे जरूर बेनकाब केरेगी ।
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