कि उसने मुझे दोजख से उठाकर जन्नत के साथ रख दिया उसने दुपट्टे को चूमा, फिर गाल पर हाथ रख दिया हमे भी नुमाइश की तलब थी बहुत उसने मेरा हाथ थामा और फिर हाथ पर हाथ रख दिया उसने मुझे दोजख से उठाकर जन्नत के साथ रख दिया
हजारों मील दूर रहकर भी छठी माई की पूजा करने जब लोग अपने घरों पर जाते है मन में भाव,श्रद्धा,परिवार प्रेम,आस्था,विश्वास के साथ परिवार के साथ घाट पर माई की पूजा करने ,अपना घर,शहर एक दुल्हन की तरह सजाना जिसके आने से सबके मन में खुशी का भाव रहता है इस महापर्व की ढेर सारी शुभकामनाए