Yrr ladke hote hi aise h Lgta rhta h ki Ab maan jayegi Ab maan jayegi Kabhi to usko realise ho hi jayega Kabhi to samjh jayegi hi na Apan kitne dedicated h uske liye Ek baar to usko yaad aayegi Ek baar to usko realise hoga ki Kitne effort kr rha h ye Hota h sbke saath hota h Par ek time aata h n Jb apko Seedha seedha bol dena hota h seedha seedha Ki Sanam Ab tum khush raho Y khafa rho Humse dur rho Aur hmse dfa rho.
ऐसा लगता है जैसे इस युवक के हाथों से जिंदगी की पकड़ छूट गई है ऐसे में वह कहां अपने को जीवन से कमिट करे और किस भविष्य के सपने देखे। जिंदगी कहां से शुरू होकर कहां समाप्त होगी, कोई भी नहीं जानता है जिंदगी की क्या कोई मर्यादा या सीमा है अब तो अपनी भी परछाई दिखाई नहीं देती और बिना परछाई के यह युवक अंधकाररूपी ब्लैक होल की भांति सिमटता जा रहा है सामने ऐसा कोई लक्ष्य भी नहीं है कि अपना सारा व्यक्तित्व लगाकर खिंचे धनुष की प्रत्यंचा की तरह फिर से तन उठे। व्यक्ति अपने दर्द को अकेले भोगता और इस भोगने की प्रक्रिया में कितना अकेला होता चला जाता है। आदमी अपने आप से डरता भी है और अपने को समझना भी चाहता है तमाम सड़कें हैं जिन पर जाया जा सकता है लेकिन वे सड़कें कहीं नहीं पहुंचाती। विवेक मौर्य 🍂
ज़माना हो गया उसका कोई पैगाम नही आया अपना ही दर्द अपने काम नहीं आया अंदाज़ -ए-तगाफुल पर जिनके मरते थे हम अफसोस उनके होंठों पर मेरा नाम नहीं आया यूं तो उनके मरने की खबर कई बार सुनी हमने सुखन वर हूं मैं कि कत्ल का इल्ज़ाम नहीं आया,,।। विवेक मौर्य 🌿 #खुदकीकलमसे