किया है तुम्हीं ने सितम मेरे दिल पर।
न आया जरा भी रहम मेरे दिल पर।
अगर जा रहे तो न आना कभी फिर,
करो ये करम ऐ सनम मेरे दिल पर।।
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हिंदी माध्यम का विद्यार्थी
जन्मदिवस: 23 दिसंबर🍰🥧❣️🙂
ज्ञात विधाएं
मुक्तक, ग... read more
हंसे दिन भर हुई,जब रात आखिर
नयन से हो गई बरसात आखिर।
जिन्हें हमने सहेजा फूल जैसे
वही अब कर रहे आघात आखिर
कभी उनके लिए हम मशवरा थे
अभी लगती बुरी हर बात आखिर
लड़ी जितनी भी जंगें जीत आए
मगर खाए हैं घर में मात आखिर
दगा या मुखलसी इस ईश्क में ‘मन’
मिला कुछ तो हमें सौगात आखिर-
इम्तिहाँ आसान तो होते नहीं।
यूंँ ही पर जयगान होते नहीं।
हर सफलता मांगती है त्याग मन
बैठ कर उत्थान तो होते नहीं।
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जिसे चाहें वही हो दूर प्यारे
यही दुनिया का है दस्तूर प्यारे
गिरें,बेशक हजारों बार लेकिन
हमें है हार ना मंजूर प्यारे
रहो खुश,मत रहो मायूस हरदम
सुनो है वक्त बेहद क्रूर प्यारे।
अभी से हार बैठे हो क्यों हिम्मत
उठो मंजिल अभी है दूर प्यारे
मुहब्बत हो किसी से तो बनो फिर
उसी के मांँग का सिंदूर प्यारे-
क्षमा,शील,तप,त्याग भाव को,
मर्यादा, सद्गुण, स्वभाव को।
उच्च,पवित्र,सुंदर विचार को,
आज्ञाकारी सुत स्वभाव को।
सबको तुम संस्कार बना लो,
जीवन का आधार बना लो।1
राम की भक्ति करने वालों,
निज अंतस का राम जगा लो।।-
क्षमा,शील,तप,त्याग भाव को,
मर्यादा, सद्गुण, स्वभाव को।
उच्च,पवित्र,सुंदर विचार को,
आज्ञाकारी सुत स्वभाव को।
सबको तुम संस्कार बना लो,
जीवन का आधार बना लो।1
राम की भक्ति करने वालों,
निज अंतस का राम जगा लो।।-
जिह्वा सों ओंकार जप, हत्थन सों कर कार।
राम मिलिहि घर आइ कर, कहि रैदास विचार॥
हे मनुष्य! तू अपनी वाणी से ओंकार का जाप
और हाथों से कर्म कर। रैदास कहते हैं कि
प्रभु राम स्वयं तुझसे मिलने तेरे घर आएँगे।-
इस जिंदगी की रस्म निभाते नहीं बना।
रूठा जो शख्स हमसे मनाते नहीं बना।
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