व्यक्ति तभी तक सही है,
जब तक की वह सामने वाले की हाँ में हाँ मिलाये,
वरना उससे बुरा तो कोई है ही नहीं।-
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बस यही है कि कर्म किये जाओ
फल की आशा मत करो
क्योंकि
फल तुम्हारी मेहनत को नहीं
किस्मत को दिया जाता है-
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माँ जगदम्बा माई
मुझे क्यों नहीं अपने चरणों से लगा लेती हो
क्यों नहीं अपना बना लेती हो-
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वही जान सकता है
जिसकी जिंदगी में यह रंग भरे हो
वरना तो रंग फीके भी होते है-
माँ!
मुझ को भी निहारो इक बार,
डारो दृष्टि कृपा की करो उपकार,
माँ मुझे तो तेरा साथ चाहिये।
न चाहिये धन-दौलत का भंडार,
न ही हीरे मोती हजार,
माँ मुझे तो तेरा प्यार-दुलार चाहिये।
सुना है सुनती है तू भक्तों की पुकार,
मैं टेरूँ तुझे माँ बारम्बार,
माँ मुझे तेरे चरणों में शरण का आभार चाहिये।
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माँ आना तू घर मेरे
मैं भी तुझे दिल से सजाऊँगी
अाल्ता लगाऊँगी,
महावर लगाऊँगी,
पैरों में तेरे पायल पहनाऊँगी,
माँ आना तू घर मेरे............
मेंहदी लगाऊँगी,
नेलपेंट लगाऊँगी,
हाथों में तेरे लाल लाल चूड़ियाॅ पहनाऊँगी,
माँ आना तू घर मेरे............
कानन में कुण्डल पहनाऊँगी,
गले में हार भी पहनाऊँगी,
कमर पर तेरी तगड़ी लटकाऊँगी,
माँ आना तू घर मेरे............
तेरे माथे पर बिंदी चमचम लगाऊँगी,
अधरों के तेरे लाली से दमकाऊँगी,
आँखों को सरमे से सुघड़ बनाऊँगी,
माँ आना तू घर मेरे............
मांग में टीका लगाऊँगी,
बालों में गजरा लगाऊँगी,
चुनर लाल उड़ाऊँगी,
माँ आना तू घर मेरे
मैं भी तुझे दिल से सजाऊँगी
फूलों से सजाऊँगी,
इत्र से महकाऊँगी
माँ आना तू घर मेरे............ Maurya Anu
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