मेरे मौन को मेरी मात ना समझो पलट जवाब ना देने को बेबस हालात ना समझो एहमियत खुद से ज़्यादा रिश्ते को दी है मैंने तुम ये बात ना समझे तो जज़्बात क्या समझो !!!!
हारा जरूर हूं पर हार मानी नहीं है ये तो बस एक किस्सा है पूरी कहानी नहीं है आंखें मिच्ची हैं लक्ष्य का दीदार करने को गिरा निचे हूं फिर ऊँची उड़ान भरने को