मौसम मौसम का शुरूर है, कोई कहीं उदास तो कोई कहिं फॉर्म में है।
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Master
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Joined 2 June 2020
8 JUN 2020 AT 13:40
मैं बादल बन जाऊं तो उड़ जाऊं,
पानी बनकर तुझमें बरस जाऊं,
आऊं इस कदर गरजता हुआ,
छूते ही तूझे पीघल जाऊं।
न पूछूं किसी से, उड़ता ही चला जाऊं,
लहराता हुआ, आजाद सा, मन्द मन्द मुस्काता सा,
निहारता रहूं हर पल तूझे, काश, मैं बादल बन जाऊं।-
2 JUL 2021 AT 0:05
दिल की गहराइयों में डूब ए जालिम
आसान नहीं यूं ऊपर से बताना
अंखियों के सहारे दिल तक पहुंचा जाता है
ये एहसास तो महसूस किया जाता है।।-
30 JUN 2021 AT 14:24
सहारा ढूंढा मयखाने में
लडखडा गए हरारत में
पूछ लिया लोगों ने पगली
तब नाम लिया शरारत में-
29 JUN 2021 AT 12:37
चरचे होने लगते हैं जब महफिल में
लोग बातें किया करते हैं
पूछ लिया करते हैं राज बातों बातों में
महफिल में बदनाम किया करते हैं
दूर ही सही ऐसे अपनों से
जो सामने मुस्कान
पीछे जहर उगला करते हैं।।
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28 JUN 2021 AT 13:16
दिल में रखते तो कोई बात है,
लोग तो दिमाग में रखते हैं।
कहीं काम आयेगा,
बस इतना ही समझते हैं।।-