Manvi singh   (पहाड़न)
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कुछ सवेरों के हिस्से स्याह सूरज आते हैं...
Joined 2 June 2018


कुछ सवेरों के हिस्से स्याह सूरज आते हैं...
Joined 2 June 2018
20 MAY AT 7:28

पिंड दान किजिए उन रिश्तों का
जो आपके साथ होकर भी आपके नहीं है
ना सुख में ना दुःख में
कहीं भी आपके साथ
खड़े नहीं होते
आपके बहते हुए आंसूओं को
पोंछने के लिए
कभी अपने हाथ नहीं बढ़ाते
ऐसे रिश्तों को बस गंगा में प्रवाहित
कर देना चाहिए



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7 MAY AT 13:36

Jai Hind

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18 APR AT 19:32

उसके मौन में भी
कई किस्से सुनाते हैं ........

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17 APR AT 17:16

ये पहाड़ो की मेहरबानी है

वरना कौन देता है आवाज़ दुबारा

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17 APR AT 9:14

मैंने पूछा जो जिन्दगी क्या है
हाथ से गिरके जाम टूट गया ।

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30 MAR AT 20:17

क़ुर्बतें रेत की दीवार हैं गिर सकती हैं
मुझ को ख़ुद अपने ही साए में ठहर जाना था

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29 MAR AT 21:20

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा

अहमद फ़राज़

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29 MAR AT 15:37

दिल और दिमाग की बीच की बहस
का कारण हमेशा इश्क नहीं होता
बल्ड प्रेशर भी हो सकता है
बाबू मोशाय
इसलिए सतर्क रहें और सावधान रहें
आज्ञा से स्वास्थ्य विभाग 🤣🤣🤣

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28 MAR AT 12:03

आज फिर दिल और दिमाग के बीच बहस छिड़ी, आज फिर इश्क और बेरूखी की बात छिड़ी, आज फिर कुछ नहीं यूंही कभी कभार
बकवास कर देनी चाहिए
निष्कर्ष:- यूंही time pass कर रही थी

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21 MAR AT 13:17

पिता के घर में उसका था एक कमरा
अब वो कमरा उसका नहीं है
सुसराल में है एक कमरा पर वो पति का है
पिता के घर में भी वो‌ पराया धन थी
सुसराल में भी वो‌ दूसरे घर की है
दोनों घरों को वो संवारती है तमाम उम्र इन सब में वो घर वाली लड़की खुद का घर ढूंढ रहीं हैं

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