जो जीव है, जो वन है।'जन रे!' तो जीवन है।। -
जो जीव है, जो वन है।'जन रे!' तो जीवन है।।
-
'तन रे!' तेरी तृष्णा, तो तोड़े तिथिवार।तबियत तरे तागड़ी, तभी तपे तलवार।। -
'तन रे!' तेरी तृष्णा, तो तोड़े तिथिवार।तबियत तरे तागड़ी, तभी तपे तलवार।।
'मन रे!' बड़ा बावला, पूछे कई कई नाम।जो नाम सुमिरन नहीं, उसका सारा काम।। -
'मन रे!' बड़ा बावला, पूछे कई कई नाम।जो नाम सुमिरन नहीं, उसका सारा काम।।
'मन रे!' पिंजरा पंछी में, उड़ा उड़ूं उड़ी ना जाए।उड़ उड़ उड़िकां तेरियां, मन 'मैं' मुक्ति को पाए।। -
'मन रे!' पिंजरा पंछी में, उड़ा उड़ूं उड़ी ना जाए।उड़ उड़ उड़िकां तेरियां, मन 'मैं' मुक्ति को पाए।।
'मन रे!' ऐसा पंछी भया, निस दिन बदरे डाल।एक घोंसला बना नहीं, दुजे को चले संभाल।। -
'मन रे!' ऐसा पंछी भया, निस दिन बदरे डाल।एक घोंसला बना नहीं, दुजे को चले संभाल।।
अनमोल इसकी कीमत।संभाल कर रखो इसको,छल से न हो जाए दूषित।। -
अनमोल इसकी कीमत।संभाल कर रखो इसको,छल से न हो जाए दूषित।।
'मन रे!' तेरी चाल तो, देखे न तिथि वार।चल न भेड़ चाल को, कर जमघट पार।। -
'मन रे!' तेरी चाल तो, देखे न तिथि वार।चल न भेड़ चाल को, कर जमघट पार।।
नाटक के हर जर्रे को।कोई जड़ हैं कोई ज़रिया है,फाटक के हर फर्रे को।। -
नाटक के हर जर्रे को।कोई जड़ हैं कोई ज़रिया है,फाटक के हर फर्रे को।।
'मन रे' पढ़ा पंछी पिंजरे का, बाहर न भरी उड़ान।चील बाज़ सब ही खाएंगे, तबही छूटा आसमान।। -
'मन रे' पढ़ा पंछी पिंजरे का, बाहर न भरी उड़ान।चील बाज़ सब ही खाएंगे, तबही छूटा आसमान।।
यादों में फरियाद!जरा ज़राजरा ज़रा झूउउऊम!शाकालाकालाका लाका लाकाशाकालाका बूह्म बूह्म! -
यादों में फरियाद!जरा ज़राजरा ज़रा झूउउऊम!शाकालाकालाका लाका लाकाशाकालाका बूह्म बूह्म!