सूर्य भी आज बादलों में जा सिमटा है ,
तपिश और मानसून में मिलने की होड़ है ,
बेसर्बी अब न बची मोहब्बत बरसने को आई है-
कदर करोगे तो , वो वक्त नही देंगे ,
वक्त दोगे तो , वो कदर नही करेंगे !!-
" खोने की मोह में कब तक इश्क़ को संभालोगे,
ज़रा पूछो अपने दिल से तुम ,
अब और कितने जख्म पालोगे। "-
पास जाने को चाहता है
पर तेरी मुस्कान देखकर
दूर से ही खुद को संभालता है-
तेरे इश्क और मेरे खुशियां में थोड़ी दूरी बनी रहे
तू अगर छोड़ भी जाए तो , तू दुखी रहने की मजबूरी ना बनी रहे-
जिंदगी की रुकावट
और कलम की रगड़ाहट
जितने ज्यादा होते है
उस चाहत से ज्यादा
मिलेगी सफलता शायद-
ये देश भी हमारा है ,
कुव्यवस्था भी हमारे है ,
संघर्ष भी हमारे है ,
सुविधा भी हमारे है ,
लोकतंत्र भी हमारा है ,
भारत की न्याय भी हमारा है
और यहाँ की अन्याय भी हमारा है-
ऐसे NSA लगाकर अपने आलोचक को जेल भेजती थी ये सरकार,
जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आयी तो,
NSA खो गयी बरेली की बाजार ,
और सरकार देखती रही तमाशा होके लाचार !!-
लोकतंत्र की धज्जियाँ यहां दोनों ने उड़ायी है ,
सरकार और किसान दोनों ने देश की सुरक्षा में सेंध लगायी है ,
यू ही इतने आसानी से लाल किले पर कब्जा हो जाना
और अभेद सुरक्षा का लाचार पड़ जाना ,
ये अचानक होने वाली चीज़ नहीं ..
प्रधान मंत्री आवास भी दूर नहीं थी ,
फिर आज वो सिंहासन गिरी क्यु नहीं !!-