MANTU KUMAR   (M. Shubham)
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I want to become a covalent bond not a coordinate bond
Joined 20 October 2019


I want to become a covalent bond not a coordinate bond
Joined 20 October 2019
5 MAY 2022 AT 14:17

सूर्य भी आज बादलों में जा सिमटा है ,
तपिश और मानसून में मिलने की होड़ है ,
बेसर्बी अब न बची मोहब्बत बरसने को आई है

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21 NOV 2021 AT 13:20

कदर करोगे तो , वो वक्त नही देंगे ,
वक्त दोगे तो , वो कदर नही करेंगे !!

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30 OCT 2021 AT 0:41

" खोने की मोह में कब तक इश्क़ को संभालोगे,

ज़रा पूछो अपने दिल से तुम ,

अब और कितने जख्म पालोगे। "

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30 OCT 2021 AT 0:32

इश्क़ के बाग वही थे
बस भवरें नए नए आते रहे

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3 FEB 2021 AT 11:55

पास जाने को चाहता है
पर तेरी मुस्कान देखकर
दूर से ही खुद को संभालता है

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29 JAN 2021 AT 0:56

तेरे इश्क और मेरे खुशियां में थोड़ी दूरी बनी रहे
तू अगर छोड़ भी जाए तो , तू दुखी रहने की मजबूरी ना बनी रहे

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29 JAN 2021 AT 0:19

जिंदगी की रुकावट
और कलम की रगड़ाहट
जितने ज्यादा होते है
उस चाहत से ज्यादा
मिलेगी सफलता शायद

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26 JAN 2021 AT 23:45

ये देश भी हमारा है ,
कुव्यवस्था भी हमारे है ,
संघर्ष भी हमारे है ,
सुविधा भी हमारे है ,
लोकतंत्र भी हमारा है ,
भारत की न्याय भी हमारा है
और यहाँ की अन्याय भी हमारा है

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26 JAN 2021 AT 23:03

ऐसे NSA लगाकर अपने आलोचक को जेल भेजती थी ये सरकार,
जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आयी तो,
NSA खो गयी बरेली की बाजार ,
और सरकार देखती रही तमाशा होके लाचार !!

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26 JAN 2021 AT 22:50

लोकतंत्र की धज्जियाँ यहां दोनों ने उड़ायी है ,
सरकार और किसान दोनों ने देश की सुरक्षा में सेंध लगायी है ,
यू ही इतने आसानी से लाल किले पर कब्जा हो जाना
और अभेद सुरक्षा का लाचार पड़ जाना ,
ये अचानक होने वाली चीज़ नहीं ..
प्रधान मंत्री आवास भी दूर नहीं थी ,
फिर आज वो सिंहासन गिरी क्यु नहीं !!

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