मेरे दर्द की निशानी हो तुम..
मेरी खामोशी की जुबानी हो तुम..
जो ना कह सकूं वही कहानी हो तुम..
क्योंकि मेरी अधूरी जिंदगानी हो तुम..।।-
जो पाया उससे भी लाजवाब है।
कैसे समझाए दिल को..
इश्क ने ऐसा काम कर दिया है..।।
दिन गुजर रहे है बेचैनियों में..
खुशी उनको गम मेरे नाम कर दिया है..।।
बस सन्नाटा पसरा है दिल में..
चैन - ओ सुकून का नुकसान कर दिया है..।।
कहां से ढूंढ कर लाए चेहरे पर खुशी..
जीते जी मरने का जो इंतेजाम कर दिया है..।।
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दूरियां नजदीकियों में सिमटने लगा है..
पहले कितने नखरे थे जनाब के,
लगता है अब वो हम पे मिटने लगा है..।।
पहले हर बात पर मुंह चिढ़ाते थे..
पता नही कहां से इतना भाव खाते थे,
अब शर्माकर वही नज़र झुकने लगा है..।।
लगता है उनका गुरुर अब टूटने लगा है..
पहले वो मुझसे रहते थे बेरुखी सी,
अब उनके भी चेहरे पर इश्क का नूर दिखने लगा है..।।
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जो ना कह सकूं वो कहानी हो तुम..
मेरी अधूरी जिंदगानी हो तुम..।।-
अपनी सीधी सोच है, अपनी सीधी बात...।।
नहीं किसी से दुश्मनी , हो दोस्ती सबके साथ...।-
अपनी कहानी किसी को बताना नही चाहता...
दिल के जख्म किसी को दिखाना नहीं चाहता...
टूटा हूं इस कदर किसी के मोहब्बत में,
किसी से प्यार हो जाए , बात ये दोहराना नही चाहता...।।-
जितना मौसम नहीं बदलता., यहां अपने बदलते है..
सामने करते मीठी बातें., पीछे ज़हर उगलते है...।।-
तंग हूं.., परेशान हूं.., दिल के हालातों से बेहाल हूं..।
हंसी तो चेहरे पे है.., मन के अंतर्द्वंदों में फंसा फिलहाल हूं..।।-
तेरी यादों से मेरी यादें थी...।
क्या भूले थे वो याद आया..!?
तेरी याद में खुद को भूल गया..।
तेरी याद कभी ना भूल पाया...।।-
जो जैसा करता है...
एक दिन वैसा ही पाता है....
क्योंकि गुजरा हुआ वक्त...
वापिस लौट कर जरूर आता है...-