इश्क़ की ये है खता,
ये दो दिलो में है बटा।
.
जिसको कद्र उसे ना पाए,
जिसकी कद्र उसे ना भाए।
बस हार के अंत में ये पछताए
कि
क्या जाने मुकंबल ये कब हो पाए।-
carv some lines which i never use to tell
(insta:- thisismanthansharma)
एक ने दिया जन्म, दूजी ने बांधी राखी है।
हिफाज़त से पाला उसने जैसे पहनी वर्दी खाकी है।
तीजी ने घर बार छोड़ा साथ वो तेरे आई है
सुख दुख की कसमें उसने बस तेरी खातिर खाई है।
चौथी है अंश तेरा, पूरा करती वंश तेरा।
जीवन के ये चार स्तंभ हैं, इनका कोई तौल नहीं
बिना इनकी हिस्सेदारी के, जीवन का कोई मोल नहीं।-
सांझ सवेरे , सपनों के डेरे
अपना एक आशियाना था
जहां ना हमनें कुछ पाना था
ना तुमने कुछ गवाना था।-
नादानियों में बहती
कुछ ख्वाहिशों का पर्दा था ।
इसी वजह से हमारा प्यार
दुनिया से बेपर्दा था ।-
Pyar ek खत hai ye do दिलों ka मत hai
raaj kaaj ka बेड़ा isme
alfazon ka डेरा isme
maut जीवन ka khel hai
isme hona sabko फेल hai
lao खत ko डाक kare मौत ko नापाक kare-
एक मुस्कुराहट किसी का उसूल नहीं होती ,
हमेशा मुस्कराते रहीए ज़िंदगी फ़िज़ूल नहीं होती ।-
तेरी खूबसूरती पर इल्ज़ाम किस हक से लगाऊ ,
कसूर तो सारा कमबख्त इस दिल का है ।-
मैंने पूछा बादलों से
तुम्हारी रज़ा क्या है
कहा उसने झिलमिलाकर
बनते हैं बरसते हैं
उड़ा कर अपनी चादर इस धरती को
हम मिलने को तरसते हैं ।-
बात बात ये
जात पात ये
आत घांत ये
सब फ़िज़ूल सा है।
बस तेरी यादों की सरगम में बहता
कुछ सुकून सा है........-