आओ कभी
मयखानों की महफिलों में,
खुशबुओं की हवा बिखेरी जाएगी,
......
इश्क सुनाया जाएगा।-
ये बख़ेलिया, उन जिस्मों की
मुझे, बिखेर के ले गई
मैं सांसे बटोर रहा था और,
मुझे वो खुशबुएं समेट के ले गई।-
मतलब की दुनिया का हुजूम लगा है
सब तन्हा बैठे है
बता कुछ रहे है, दिखा कुछ रहे है।
पड़ी हैं शराफत कही मिट्टी में
गुजर रहे है, निकाल रहे है
निगाह किसी की नही है।-
ए तमन्ना ओ हसरते मसरूफियत
बना तो लेने दे खुदको
या मिटा ही देगी मुझको।-
ये दुनियां ए गुफ्तगू ए गुलिस्ता क्या
मैं यहां तू यहां
मैं कहा तू कहा-
क्या किया,
बना लिया खुदको,
सुन लिया, सुना लिया
बोल लिया, बता लिया,
समझ लिया, समझा लिया
क्या किया
मिटा दिया खुद को-
हाल पूछा तुमने,
हाल ऐ बयां क्या करे हम
हसरतो से वफा कैसे करे हम
हसरते उन वफाओं की
उन खूबसूरत निगाहों की
उन कशीश ओ हवाओ की
हालत ऐ फिजाओं की
बयां कैसे करे हम।-
हम शोहरत खोजते रह गए
अपनी नाकामयाबियां छुपाते छुपाते
इंसान बदल गया
हमे कामयाब बनाते बनाते।-
मैने लिखा, तुम्हे लिखा
तुम्हे ही लिखता रह गया मैं
तुम मिले, तुम्हे देखा
और तुमकों ही देखता रह गया मै।-