माना इस जहां में इतना कोई सच्चा नहीं,
पर इस डर से...
किसी से अपने दिल की न कहकर, ख़ुद को सताना भी,
तो अच्छा नहीं!-
कभी-कभी तुम भी कहीं ठहर जाया करो। 💫
-✍️🏻मन्नू
In your presence I use my words willingly,
You are the emotion of my poetries.
Thinking of you fulfill my words with certainty,
Just because of you I write expressively.
You will be the inspiration of my thoughts till eternity,
You are the only one for whom I write heartily.-
जब सुनने वाला ही न हो कोई,
तो तमाशा कौन करे...
हजारों ग़म है इस दिल में,
पर खुलासा कौन करे...-
तुम्हारी आँखों को देखकर मैं अक्सर सोचती हूँ...
तुम्हारी इन गहरी आँखों पर,
कहीं मैं कोई किताब न लिख दूं।
जो तुम नहीं कह पाते हो मन की,
कभी मैं... वो बात न कह दूं।।-
उसकी आँखों में जीवन का सार है,
वो जिधर भी देख ले...
उधर ही विस्तार ही विस्तार है।-
दिन तो गुज़र ही जाते है,
मसला तो रातों का है।
-वाजिद शेख✍️🏻
वो कहता है दिन तो गुज़र जाते हैं पर रातें कटती नहीं,
मैं कहती हूँ उलझनें तो होंगी तब तक...
जब तक मन की बातें किसी से बंटती नहीं।
-मन्नू✍️🏻
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ख़ामोशी से तो मतलब नहीं,
मतलब तो बातों का है...
-वाजिद शेख✍️🏻
वो अपने मन की किसी से कहता नहीं...
इसी बात का ही तो अफ़सोस है,
और कहता है मतलब तो बातों का है...
पर फिर भी न जाने क्यों वो रहता ख़ामोश है।
-मन्नू ✍️🏻
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उसे, उससे कुछ भी न जताना था,
बस कुछ दिल की बातें थीं जो उसको बताना था।
बहुत से ज़ज्बातों का करना इज़हार था,
कई बरसों का वो लंबा इंतज़ार था।
वैसे तो उसके किस्सों में बहुत सी कहानियाँ थी,
पर कुछ कहानियां ऐसी थीं जो सिर्फ़ उसको ही सुनानी थी।
उसने, उससे कभी न की ऐसी कोई बात थी,
ज़रूर कोई वजह होगी उस एक मुलाक़ात की।।
-मन्नू ✍️-
जो बयां न कर पाओ तुम अपने मन की बातें,
वो हर लफ्ज़ों की आवाज़ हूँ मैं।
जानते हुए भी तुम जिसे जान नहीं सकते,
वो गहरा छुपा राज़ हूँ मैं।।-
मैं जब भी पूंछ लूं कोई सवाल,
वो हर एक सवाल का जवाब है।
मेरे दिल की बगिया का,
वो एक महकता गुलाब है।।-