जिसे हो भभूत से लगाव, उन्हे कहा श्रृंगार से मोह।
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आपकी निगाहें हमें इस कदर रास आई ,😍💐🤌
जाने लगा आज ख़ुबसूरती की,भी इम्तहान की बारी आई।-
ऐ दोस्त तेरे लिए ...
खुद खुदा बनना चाहता हुँ,
तेरे वास्ते दुनिया ज़ुकाना चाहता हुँ,
ऐ गम क्या, तेरे लिए तो मौत को भी टालना चाहता हुँ.....-
हसरते इतनी की चाँद को भी चूमलु और,🌹💐
हकीकत इतनी की घर के बाहर कदम भी ना रख सकु।🥀-
बेशक़ तु सच्चा हैं,मगर मकार में भी नहीं,
बेशक़ तेरी जगह खास हैं, मगर मेरा दूर हो जाना भी गलत नहीं,
बेशक़ तेरा ईमान सच्चा हैं,मगर मेरी बेवफाई भी गलत नहीं,
बेशक़ तु खुदा का बंदा हैं,मगर मेंरी इबादत भी गलत नहीं,
बेशक़ तेरे प्यार में कमी नहीं, मगर मेरा मुकर जाना भी गलत नही,
बेशक तु मोहब्बत में मुमीन (आस्तिक) हैं ,मगर तेरी मोहब्बत में काफिर (नास्तिक) में भी नहीं।
🌹💐🥀-
आप क्या जाने हमारी, गम भरी दुनिया के बारे में,
हमने मुस्कुराकर पूरी सल्तनत लुटाई हैं🌹🥀✨️-
पता नहीं, क्या कहु में इस दिल को,
पत्थर कहु या खुशकिस्मत,..🖤🥀
बार बार नफरत लुटाता हैं...,
फिर भी बदले में मोहब्बत पाता हैं..🌹💐-
तेरे अच्छे और बुरे वख्त की तस्वीर खींची हैं, मैंने मेरी आँखो से,
मुझसे बेहतर और कोई तेरा फोटोग्राफर नहीं होगा।
✨🥀📸-
इंसान जितना बाहर से खुश दिखने का दिखावा करता हैं, उतना ही अंदर ही अंदर मरता रहता हैं....
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