काँटों के बीच मत रहो ,अपितु स्वयं की रक्षा के लिए ख़ुद काँटा बनो -
काँटों के बीच मत रहो ,अपितु स्वयं की रक्षा के लिए ख़ुद काँटा बनो
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वही काफ़ी थे मशविरे के लिएगैरों को तो कभी मैंनेजगह दी ही नहीं! -
वही काफ़ी थे मशविरे के लिएगैरों को तो कभी मैंनेजगह दी ही नहीं!
मासूमियत तो बहुत है मुझमें ये बात अलग है किबिल्कुल भी मासूम नहीं हूँ मैं -
मासूमियत तो बहुत है मुझमें ये बात अलग है किबिल्कुल भी मासूम नहीं हूँ मैं
इंसानों से ज्यादापत्थरों को तवज्जो दी गयी है! -
इंसानों से ज्यादापत्थरों को तवज्जो दी गयी है!
मैंने सीखा.. ख़ुद को लिखना! -
मैंने सीखा.. ख़ुद को लिखना!
मैं हूँ.. तुम होऔर कुछ यादें हैंजब भी इन्हें समेटनेकी कोशिश करता हूँतो सिर्फ अश्कों को पाता हूँ! -
मैं हूँ.. तुम होऔर कुछ यादें हैंजब भी इन्हें समेटनेकी कोशिश करता हूँतो सिर्फ अश्कों को पाता हूँ!
मेरे नाम के विलोम से दिखते हो तुमडांटने में मेरे भाई के पर्याय हो तुममुझे समझने में माँ के समानार्थी हो तुमपर प्यार के मामले में पूरे.......अव्यय हो तुम! -
मेरे नाम के विलोम से दिखते हो तुमडांटने में मेरे भाई के पर्याय हो तुममुझे समझने में माँ के समानार्थी हो तुमपर प्यार के मामले में पूरे.......अव्यय हो तुम!
घने बादल हवाओं का शोरआँखो ने दी हिदायतहम बरसेंगे कभी और! -
घने बादल हवाओं का शोरआँखो ने दी हिदायतहम बरसेंगे कभी और!
ख़ामोशी बेहतर होगी -
ख़ामोशी बेहतर होगी
जीने की ख्वाहिशें बढ़ने लगीजब वक़्त की गुंजाइश ही ना रही जीने मेंधूमिल ख्वाबों में एक अक्स दिखादबा सा कहीं सीने में -
जीने की ख्वाहिशें बढ़ने लगीजब वक़्त की गुंजाइश ही ना रही जीने मेंधूमिल ख्वाबों में एक अक्स दिखादबा सा कहीं सीने में